पाटन. जिले की पाटन तहसील में राजस्व न्यायालय में नाजिर शाखा (कॉपिंग सेक्शन) में अनियमिततायें एवं यहां पदस्य बाबूओं के द्वारा प्रकरण भेजने में उपेक्षित कार्यवाही के संबंध में अधिवक्ताओं,पक्षकारों के द्वारा नियमानुसार लोकसेवा केन्द्र पाटन में आवेदन प्रदान किये जाते है और आवेदन नाजिर शाखा को भेज दिये जाते है किंतु संबंधित प्रकरणों के मांग पत्र में अनावश्यकःविलंब किया जाता है और संबंधित कोर्ट को मेमो भेजने के पश्चात् भी संबंधित बाबू द्वारा प्रकरण समय सीमा में न भेजकर मनमुताबिक बार-बार अधिवक्ताओं के कहने पर भेजे जाते है और कई बार नहीं भी भेजे जातें है जिसके कारण अनेको आवेदन पत्र विचाराधीन है।
समय सीमा बीतने के बाद भी नकल अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को नहीं दी जाती है। इसी संबंध में कई बार पूर्व एसडीएम एवं वर्तमान एसडीएम को अवगत कराया जा चुका है किंतु उक्त समस्या में कोई सुधार नहीं हुआ,और लापरवाही दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है।
जिसके कारण अधिवक्ताओं में भारी रोस व्याप्त है। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक अग्रवाल ने आरोप लगाते हुए बताया कि पूर्व में नकल शाखा में पदस्य बैरागी बाबू तो सौ दो सौ रुपए लेकर नकल संबधित व्यक्ति को दे देता था लेकिन नकल शाखा में वर्तमान में पदस्य सहायक ग्रेड 3 मनोज बैन,खण्ड लेखा अधिकारी भूपेंद्र सिंह,नकल शाखा में अटैच मुकेश तिवारी पटवारी इन तीनों को जब तक फरियादी से पांच पांच सौ रुपए नहीं मिल जाते तब तक लोगों को नकल नहीं दी जाती है।
आगे श्री अग्रवाल ने बताया कि समय सीमा में नकल नहीं मिलने से प्रकरणों में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ता है वही पक्षकारों पर आर्थिक बोझ भी पड़ता है।
मुख्य न्यायाधीश ने पूरे देश में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की
क्योंकि आवेदकगणों को एक ही नकल लेने के लिए अनेको बार राजस्व विभाग के ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं। राजस्व विभाग में बरती जा रही लापरवाही एवं घूसखोरी पर तत्काल अंकुश नहीं लगाया जा तो आगामी दिनों में अधिवक्ता संघ पाटन उग्र प्रदर्शन करने विवश होगा।
इनका कहना
जब इस संबंध में पाटन एसडीएम सर बात की गई तो उन्होंने बताया कि नकल देने के एवज में पैसे की डिमांड करने वाले के विरुद्ध अधिवक्ताओं की शिकायत आती है तो संबधित लोक सेवक को जांच कराई जाएगी।
मानवेंद्र सिंह राजपूत एसडीएम पाटन