जबलपुर, देशबन्धु. रेलवे बोर्ड दिल्ली से लेकर पमरे के उच्च अधिकारियों द्वारा बातें तो बड़ी बड़ी की जाती हैं, परंतु जमीनी हकीकत इसके ठीक विपरीत है. रेलवे के शीर्ष प्रबंधन को सभी प्रकार की भर्राशाही की पूरी खबर है, इसके बाद भी लगाम लगाने का प्रयास न करते हुए विभागीय कार्य का संपादन कछुआ गति से किया जा रहा है. यह सिलसिला बीते कई माह से लगातार जारी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सतर्कता विभाग के प्रथम श्रेणी अधिकारी से लेकर विभागाध्यक्ष तक को उनके पद के अनुसार बंगला, चपरासी से लेकर चार पहिया वाहन तक की सुविधा विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई है. यह अधिकारी विभाग से केवल सुविधा भोगने के लिए ही रुतबा झाड़कर मौज मस्ती में अपना समय बिता रहे हैं. इनकी मनमानी पर रोक लगाने के लिए किसी के पास भी फुर्सत नहीं है.
जानकारी के अनुसार जबलपुर मंडल सहित भोपाल और कोटा मंडल में अनुशासनहीनता का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. इसका मुख्य कारण है सतर्कता विभाग की भर्राशाही कार्यप्रणाली पर किसी प्रकार की कोई निगरानी नहीं होना . स्मरणीय है कि रेलवे बोर्ड मुख्यालय दिल्ली द्वारा पमरे के जबलपुर जोन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर, उत्तर रेलवे दिल्ली, उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज, जयपुर, गोरखपुर हाजीपुर, भुवनेश्वर कोलकाता, हुबली, चैन्नई मध्य एवं पश्चिम रेलवे मुंबई आरडीएसओ लखनऊ, पटियालाव व अन्य जोनल कार्यालयों में मुख्य सतर्कता निरीक्षकों उप मुख्य सतर्कता अधिकारी और मुख्य सतर्कता अधिकारियों की पदस्थापना की गई है. इन सभी कर्मचारियों को विभाग लाखों रुपयों का वेतन भुगतान करता है, साथ ही चार पहिया वाहन, चपरासी, बंगला की सुविधा मुहैया कराता है. इसके बाद भी अन्य जोनल कार्यालयों की तुलना में यह फिसड्डी ही साबित हो रहा है.
गौरतलब है कि मुख्य विभाग में विद्युत, कार्मिक, यांत्रिकी सिविल, सिंग्नल एवं टेली कम्युनिकेशन विभाग के विशेषज्ञों की पदस्थापना की गई है. यह पदस्थापना इस कारण से की गई है कि यदि किसी मुख्य सतर्कता विभाग के मुख्य सतर्कता विभाग निरीक्षकों ने किसी विभाग का प्रकरण बनाया है तो विशेषज्ञों की टीम सत्यापन के बाद अपनी टिप्पणी लिखकर दोषी कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई कर सके.
पमरे के जबलपुर जोनल कार्यालय में यह चर्चा जोरों पर है कि दर्जनों फाइलें मुख्य सतर्कता अधिकारी के पास उनके अनुमोदन के अभाव में कई माह से लंबित हैं. सतर्कता विभाग के मुखिया की कार्यप्रणाली से ऐसा लगता है जैसे यह पुरानी फाइलों को देखकर उनके विषय में पीएचडी करने के लिए इच्छुक हैं.
पमरे की महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय पूर्व में कार्यपालक निदेशक सतर्कता के पद पर दिल्ली में पदस्थ रह चुकी हैं. वह सतर्कता विभाग की सभी प्रकार की कार्यप्रणाली की एक अच्छी जानकार हैं, वह इस प्रकार की भर्राशाही पर लगाम लगाएंगी इसकी सभी को उम्मीद है.