भीलवाड़ा. हाल ही में एक shocking घटना सामने आई है जहां कर्मचारियों को सैलरी मांगने के लिए हैवानियत का शिकार होना पड़ा. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से रोजगार की तलाश में छत्तीसगढ़ गए दो चचेरे भाइयों के साथ अमानवीय क्रूरता और फिरौती वसूलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है.
पीड़ितों का आरोप है कि सैलरी मांगने पर उन्हें बेरहमी से पीटा गया, कपड़े उतरवाकर बिजली के करंट लगाए गए, नाखून उखाड़े गए और परिजनों से फिरौती वसूलने के बाद ही उन्हें छोड़ा गया. इस घटना के बाद भी आरोपियों ने भीलवाड़ा आकर उन्हें धमकाया. स्थानीय पुलिस पर शिकायत न सुनने का आरोप लगाते हुए पीड़ित युवकों ने गुरुवार को भीलवाड़ा एसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है.
पीड़ित मुकेश और विनोद नामक चचेरे भाई 12 फरवरी को छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर पहुंचे थे. गांव के ही एक परिचित के माध्यम से उनकी मुलाकात छोटू गुर्जर (निवासी भैरूखेड़ा, शंभूगढ़) और मुकेश शर्मा (निवासी चित्तौड़गढ़) से हुई थी. इन लोगों ने दोनों भाइयों को आइसक्रीम बेचने की नौकरी दिलाने का झांसा दिया था.
करीब दो महीने तक काम कराने के बाद जब दोनों भाइयों ने अपनी मेहनत की सैलरी मांगी, तो नियोक्ताओं ने उन्हें पैसे देने के बजाय एक गोदाम में बंद कर दिया और अमानवीय तरीके से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया.
14 अप्रैल की रात को क्रूरता की हदें पार कर दी गईं. पीड़ितों का आरोप है कि उन्हें कपड़े उतरवाकर बिजली के तारों से करंट लगाया गया, प्लास से उनके नाखून उखाड़े गए और उन्हें बुरी तरह गालियां दी गईं. आरोपी यहीं नहीं रुके, उन्होंने पूरे टॉर्चर का वीडियो बनाया और डर पैदा करने के लिए उसे पीड़ितों के परिजनों को भेजा.
आरोपियों ने दोनों युवकों पर चोरी का झूठा आरोप लगाया और उन्हें छोड़ने के बदले 30 हजार रुपए की मोटी फिरौती की मांग की. परिजनों ने अपने बेटों की जान बचाने के लिए डर और दहशत में आकर मांगे गए पैसों में से 23,950 रुपए आरोपियों द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर किए. पैसे मिलने के बाद ही दोनों भाइयों को प्रताड़ना से मुक्ति मिली और उन्हें छोड़ा गया.
इस भयावह अनुभव के बाद भी आरोपी बाज नहीं आए. 17 अप्रैल को मुख्य आरोपी छोटू गुर्जर भीलवाड़ा पहुँच गया और गाँव के रुद्रपुर चौराहे पर दोनों चचेरे भाइयों को रोककर फिर से मारपीट की और इस घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी.
पीड़ितों के रिश्तेदार शंकरलाल मेघवंशी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वे गुलाबपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गए, तो पुलिस ने उल्टा उन पर समझौता करने का दबाव बनाया और धमकाया. पीड़ितों की मां ने भावुक होकर कहा, “कोई माँ अपने बेटे की ऐसी हालत देख सकती है क्या? हमें न्याय चाहिए.”
गुरुवार को पीड़ित परिवार ने भीलवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) से मुलाकात की और उन्हें पूरी घटना के संबंध में एक लिखित शिकायत सौंपी. उन्होंने आरोपियों पर अपहरण, मारपीट, अमानवीय यातना (टॉर्चर), धमकी देने और फिरौती वसूलने जैसी गंभीर धाराओं के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.