लखनऊ. अयोध्या के राम जन्म-भूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास (85) की ‘ब्रेन स्ट्रोक’ (मस्तिष्काघात) के कारण निधन हो गया. बुधवार सुबह 7 बजे लखनऊ लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान PGI में उन्होंने आखिरी सांस ली. 3 फरवरी को ब्रेन हेमरेज के बाद उनको अयोध्या से लखनऊ रेफर किया गया था.
बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय दास अस्थायी राम मंदिर के पुजारी थे. सबसे लंबे समय तक राम मंदिर में सेवा देने वाले दास की उस समय उम्र मात्र 20 वर्ष थी और उन्हें सेवा देते हुए मुश्किल से नौ माह हुए थे. अयोध्या ही नहीं, इससे बाहर के क्षेत्र में भी उनका काफी सम्मान है.
विध्वंस के बाद भी दास मुख्य पुजारी बने रहे और जब रामलला की मूर्ति एक टैंट में स्थापित की गई, तब वह पूजा-अर्चना भी करते थे. दास, निर्वाणी अखाड़े से ताल्लुक रखते हैं. और अयोध्या तथा राम मंदिर के घटनाक्रमों के संबंध में जानकारी के लिए मीडियाकर्मी ज्यादातर उनसे ही संपर्क करते हैं. बाबरी विध्वंस ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था.