उमरिया,देशबन्धु. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र की पनपथा बीट में आज सुबह वन विभाग के गश्ती दल को एक दुर्लभ दृश्य देखने को मिला। गश्त के दौरान सोन कुत्तों का 12 सदस्यीय झुंड तालाब के किनारे पानी पीते हुए नजर आया। सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घटना को वन्यजीव संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया।
सोन कुत्ते: पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण हिस्से
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अनुसार, सोन कुत्ते बेहद दुर्लभ और घुमंतू प्रवृत्ति के शिकारी जीव हैं। ये किसी निश्चित स्थान पर न रहकर पूरे जंगल में झुंड के रूप में विचरण करते हैं। इनकी मौजूदगी से पता चलता है कि जंगल का पारिस्थितिकी तंत्र संतुलित है और शिकार की पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सोन कुत्तों की दुर्लभ उपस्थिति
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघ , तेंदुआ , भालू और अन्य दुर्लभ वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, सोन कुत्तों का झुंड यहां कभी-कभी ही दिखाई देता है। विशेषज्ञों के अनुसार, पतौर, मानपुर और धमोखर रेंज में इन्हें पहले भी देखा गया है, लेकिन पहली बार इतनी बड़ी संख्या में सोन कुत्ते एक साथ देखे गए हैं।
वन्यजीव संरक्षण के प्रयास और अपील
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, किसी जंगल में सोन कुत्तों की मौजूदगी दर्शाती है कि वहां जैव विविधता संरक्षित है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने इस घटना को दर्ज कर लिया है और इनकी निगरानी को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।
क्षेत्र संचालक, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया ने कहा कि सोन कुत्तों के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने वन्यजीव प्रेमियों से अपील की कि वे जंगल भ्रमण के दौरान इन दुर्लभ जीवों को देखकर उनका पीछा न करें और उनकी प्राकृतिक गतिविधियों में हस्तक्षेप न करें
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