जबलपुर. हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने नगर निगम, भोपाल के पूर्व व नगर निगम, इंदौर के वर्तमान सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार के जाति प्रमाण पत्र पर सवालिया निशान लगाए जाने के मामले में महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश पारित किया है।
इसके अंतर्गत निर्देश दिया है कि जब तक हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट नहीं आ जाती, लिखार से सिटी प्लानर का कार्य न लिया जाए। मामले की अगली सुनवाई 30 जून वाले सप्ताह में नियत कर दी गई है।
याचिकाकर्ता भोपाल निवासी सतीश नायक की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि नगर निगम इंदौर के वर्तमान सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार के बड़े भाई अजय लिखार का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के आधार पर उनकी सेवा समाप्ति के आदेश जारी किये गये है।
नगर निगम इंदौर के वर्तमान सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार की एसटी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लगी थी। बड़े भाई की तरह उन्होने भी जाति प्रमाण-पत्र बनवाया है।
राज्य शासन तरफ से न्यायालय को बताया गया कि नौ अप्रैल, 2025 के पत्र के माध्यम से उनके जाति प्रमाण की जांच के लिए हाईपावर कमेटी को पत्र भेजा जा चुका है।
इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि जाति प्रमाण पत्र संदेह के घेरे में आ गया है, अतः जब तक हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट नहीं आने तक उन्हें नगर निगम, इंदौर के सिटी प्लानर पद से हटाकर किसी अन्य की जगह पदस्थ किया जाना चाहिये।
एकलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए उच्च स्तर कमेटी से जाति प्रमाण-पत्र की जांच तथा अनावेदक को सिटी प्लानर के पद से हटाने के आदेश जारी किये है।
याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता कपिल षर्मा ने पैरवी की।