जबलपुर, देशबन्धु. मध्य प्रदेश डेयरी फेडरेशन के सांची दूध की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठे हैं. हालहों में सामने आए मामलों के बाद न सिर्फ प्रदेश के अन्य शहरों के साथ शहर में भी इसका असर देखा जा रहा है बल्कि मिलावटी दूध को आपूर्ति की शिकायतों के सांचो ही नहीं उपभोक्ताओं ने अमूल के दूध काउंटरों से भी किनारा कर लिया है.
शहर हो नहीं समूने महाकौशल में इसका असर अमूल और सांचो क दूध के साथ दुग्ध उत्पादों में देखने मिल रहा हैं. पिक्रो में आई गिरावट के बाद कुछ काउंटर जहां बंद हो मुके हैं वहीं कई काउंटर बंद होने की कगार पर पहुंच चुक हैं.
ज्ञात हो कि प्रदेश के राजगड जिले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग पिछले रेड़ महीने में तीन निजी हेरियों पर छापा मारकर भारी मात्रा में नकली दूध बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जब की है. दस्तावेजों से पता चला है कि एक महोने में हेयरी संचालक ने भोपाल दुग्ध संघ को 4200 लीटर मिलावटी 6 महीने में चल रहा था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संचालक सिर्फ साँची को ही नहीं बल्कि अमूल को भी दूध आपूर्ति करता था.
गोरखपुर में भी मिलावटी दूध का कारोबार- सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 4 फरवरी राजगढ़ में ही खाद्य विभाग ने कन्हैयालाल दांगी को नकली दूध बनाते पकड़ा था. यहां माल्टीज पाउडर और तेल से नकली दूध बराया जा रहा था. गोरखपुर को सहकारी समिति सांची के नाम से बनी थी, जो नरसिंहगढ़ के चिलिंग स्टेशन को दूध को पूर्ति करती है. दस्तावेजों की जांच में গুता चला कि एक महीने पहले हेयरी संचालकांची के केंद्र को दूध की आपूर्ति बंद कर दी थी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजगढ़ जिले के खाद्य विभाग और पुलिस को टीम ने 13 जनवरी 2025 को जितेंद्र गिरी की डेयरी पर छापा मारकर नकली दूध बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जब्त की थी. इसमें सोयाबीन तेल, मिक्सर ग्राइंडर और यूरिया शामिल थे.
इस सामग्री को अमली दूध में मिलाकर मिलावटी दूध तैयार किया जाता था. जितेंद्र गिरी इस दूध को भोपाल दुग्ध मंभ की सहकारी समिति गोस्वामी संग्रहण केंद्र, आगर राजगढ़) को सप्लाई करता था. यहां में दूध मांची के नरसिंहगढ़ स्थित चिलिंग सेंटर और फिर भीपाल स्थित प्लांट में पहुंचता था.