अनूपपुर, देशबन्धु. संकल्प महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने हाल ही में भोपाल स्थित राजभवन का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र, ऐतिहासिक धरोहर और राजभवन की सांस्कृतिक विरासत के बारे में गहराई से जानकारी प्राप्त की। भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय प्रशासनिक प्रणाली, संविधानिक संरचना और ऐतिहासिक धरोहरों के महत्व से अवगत कराना था। महाविद्यालय द्वारा आयोजित इस शैक्षणिक भ्रमण में महाविद्यालय के शिक्षक राजेश पटेल एवं पुष्पा सिंह के नेतृत्व में 50 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस यात्रा का उद्देश्य विद्यार्थियों को उनके पाठ्यक्रम से बाहर निकलकर व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना था, जिससे वे सरकारी कार्यप्रणाली और ऐतिहासिक धरोहरों के महत्व को समझ सकें।
राजभवन में विद्यार्थियों का हुआ स्वागत – राजभवन पहुंचने पर वहां के वरिष्ठ अधिकारियों ने विद्यार्थियों का स्वागत किया और उन्हें भवन के स्थापत्य, ऐतिहासिक महत्व और प्रशासनिक कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि राजभवन राज्यपाल का आधिकारिक निवास होता है, जहां से राज्य के संवैधानिक कार्यों का संचालन किया जाता है। यहां विभिन्न प्रशासनिक और आधिकारिक बैठकें होती हैं, जिनका प्रभाव राज्य की नीतियों और शासन प्रणाली पर पड़ता है।
राजभवन के प्रमुख हिस्सों का विद्यार्थियों ने किया अवलोकन – विद्यार्थियों को भ्रमण के दौरान राजभवन के विभिन्न हिस्सों का अवलोकन करने का अवसर मिला। उन्होंने राज्यपाल के कक्ष, अतिथि गृह, सभा हॉल और अन्य प्रशासनिक भागों को देखा। विशेष रूप से, सभा हॉल का विस्तृत दौरा कराया गया, जहां विभिन्न सरकारी कार्यक्रम और उच्चस्तरीय बैठकें आयोजित की जाती हैं। राजभवन की भव्य वास्तुकला ने भी विद्यार्थियों को आकर्षित किया। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि यह भवन ब्रिटिश काल से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है और इसमें भारतीय तथा यूरोपीय स्थापत्य कला का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है।
विद्यार्थियों के लिए रहा ज्ञानवर्धक अनुभव – इस शैक्षणिक यात्रा से विद्यार्थियों को भारत के संवैधानिक ढांचे, प्रशासनिक प्रणाली और ऐतिहासिक धरोहर के महत्व को समझने का अवसर मिला। राज्यपाल की भूमिका राज्य के संचालन में कितनी महत्वपूर्ण होती है और किस प्रकार सरकार के विभिन्न अंग आपस में समन्वय स्थापित करते हैं।
महाविद्यालय के संचालक अंकित शुक्ला ने कहा कि इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ाते हैं और उन्हें पुस्तकीय ज्ञान से आगे बढ़कर वास्तविकता को समझने का अवसर प्रदान करते हैं।
उन्होंने भविष्य में भी ऐसे शैक्षणिक दौरों के आयोजन की बात कही, जिससे विद्यार्थियों को प्रशासनिक व्यवस्था और ऐतिहासिक धरोहरों की विस्तृत जानकारी मिल सके। भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने इस अनुभव को अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि इस यात्रा ने न केवल उनकी प्रशासनिक समझ को विकसित किया, बल्कि उन्हें भारतीय इतिहास और शासन प्रणाली को करीब से देखने का भी अवसर मिला।