गांधीग्राम, देशबन्धु. स्थानीय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुशनेर हाईवे राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 के किनारे स्थित होने के कारण विद्यालय छूटने के समय कुशनेर रैपुरा, पठरा उमरिया, पिपरिया, डुंड़ी एवं मोहनिया की ओर आने वाले छात्र-छात्राओं को हमेशा जान का खतरा बना रहता है.
क्योंकि स्कूल के पास फोर लाइन में सेंटर कट यू टर्न न होने के कारण बच्चे गांधीग्राम बाइपास से घूम कर समय गंवाने की बजाय उलटी दिशा से अपने घरों की ओर लौटना ज्यादा बेहतर समझते हैं, जिससे सैकड़ो की संख्या में उल्टी दिशा में आने वाले साइकिल मोटरसाइकिल सवार एवं पैदल बच्चों की जान को हमेशा खतरा बना रहता है.
यू टर्न के लिए सेंटर कट बनाया जाए- अत: राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को चाहिए कि शासकीय उमवि कुशनेर स्कूल के आसपास यू टर्न के लिए एक सेंटर कट दिया जाए एवं स्कूल लगने व छूटने के समय वॉलिंटियर्स को लगाया जाए, ताकि किसी बड़ी दुर्घटना को रोका जाए.
एक शिक्षक की हो चुकी है मौत-विदित हो की पूर्व में साक्षरता रैली के दौरान बच्चों को रोड कर पार कर रहे बच्चों को किनारे करने के दौरान शिक्षक जयप्रकाश मेहरा की वाहन दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. पिछली मकर संक्रांति मेले के दौरान भी एक साइकिल सवार की मौत एक्सीडेंट में हुई थी, इसके अलावा अनेक दुर्घटनाएं इस मार्ग पर घटित हो चुकी हैं, जिससे शासन अभी भी नहीं चेता है.
अगर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस गंभीर समस्या पर संज्ञान नहीं लिया तो आने वाले समय में किसी बड़ी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता.
इनका कहना है
उपरोक्त संबंध में कुशनेर स्कूल के पूर्व व्याख्याता उत्तम मिरी ने बताया कि विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के आवागमन सुरक्षा को देखते हुए जबलपुर कलेक्टर, एनएचआई के डायरेक्टर और विभाग को अनेक बार पत्राचार किया जा चुका है, जिसमें मांग की गई थी कि कुशनेर स्कूल से लेकर कुशनेर बस्ती तक हाईवे सड़क के किनारे किनारे सुरक्षित पैदल पथ बनाया जाए, जिससे स्कूली छात्र विद्यालय सुरक्षित आ जा सकें, कई बार एनएचआई के अधिकारी भी आए, नपाई आदि भी हुई थी, किन्तु मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. स्कूल आने जाने बच्चों के आवागमन को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए यह बहुत आवश्यक है.
उत्तम मिरी, व्याख्याता