सिवनी, देशबन्धु. कहते हैं कि जंगल में जब शेर शिकार के लिए निकलता है तो शिकार को महंगा पडता है. पर यहां पर करना शेर को महंगा पड़ गया. आज की घटना के दौरान बाघ और उसका शिकार दोनों कुएं में गिर गये. जिन्हें कड़ी मशक्कत से रेस्क्यू कर निकाला गया.
मिलीं जानकारी के अनुसार प्रात: 8.30 पर परीक्षेत्र सहायक शारीक खान को सूचना मिली कि कुरई के समीप ग्राम हरदुआ में किसान किशोर भलावी के खेत में बने कुएं में एक बाघ और एक सुअर गिरा हुआ है. उन्होंने तत्काल उक्त सूचना उपसंचालक, पेंच टाइगर रिजर्व को प्रेषित की. सूचना मिलते ही पेंच टाइगर रिजर्व का क्षेत्रीय रेस्क्यू स्क्वाड दल वरिष्ठ वन् यजीव चिकित्सक डॉ अखिलेश मिश्रा के नेतृत्व में घटनास्थल के लिए रवाना हुआ.
इस बीच उपस्थित वन परिक्षेत्र अधिकारी खवासा बफर एवं अन्य कर्मचारियों ने एक खाट को उल्टा बांध कर कुए के भीतर डाल दिया था. बाघ जो संभवत: कुछ देर पहले से कुएं में गिरा हुआ था और कुएं में भरे हुए पानी में तैर कर खुद को डूबने से बचा रहा था. खाट के डालते ही वह अपनी थकान दूर करने के लिए खाट पर आकर बैठ गया.
गांव समीप में होने के कारण आसपास भीड़ भी जमा हो चुकी थी लेकिन वन अमले ने उपस्थित पुलिस बल के साथ मिलकर पूरी भीड़ को सुरक्षित दूरी पर रोक रखा था. मौके की स्थिति को देखते हुए हाइड्रोलिक क्रेन मशीन और जेसीबी मशीन को भी रेस्क्यु में मदद हेतू तो बुला लिया गया था.
वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक एवं रेस्क्यू सामग्री पहुंचते ही एक पिंजड़े को हाइड्रोलिक क्रेन में बांधकर कुएं के अंदर डाला गया और बाघ के समीप ले जाया गया. बाहर रस्सी की मदद से पिंजरे के द्वार को खोल के रखा गया था. प्रारंभ में बाघ जो खाट के ऊपर बैठा हुआ था, पिंजरे में जाने में इच्छुक नहीं था लेकिन थोड़े से प्रयासों के बाद और पिंजरे को अस्थिर करने पर बाघ पिंजरे के भीतर चला गया.
बाघ के पिंजरे के भीतर जाते ही पिंजरे के गेट को बंद कर दिया गया और हाइड्रोलिक क्रेन के द्वारा पिंजरे को बाहर निकाल लिया गया. कुएं के भीतर डाला गया पिंजरा हल्का एवं छोटा था एवं बाघ को परिवहन कर अन्यत्र ले जाने के लिए बड़े पिंजरे में रखना आवश्यक था अत: बाहर निकाल कर रेस्क्यू वाहन में रखे बड़े पिंजरे में बाघ को हस्तांतरित किया गया.
ट्रक को मौके से सुरक्षित स्थल के लिए रवाना करने के बाद कुएं में तैरते हुए जंगली सूअर का भी रेस्क्यु किया गया. सूअर के लिए पिंजरे को पुन: हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से कुएं के भीतर डाला गया और पूर्व की भांति जंगली सूअर को भी पिंजरे में बिठाकर क्रेन की मदद से बाहर निकल गया. जंगल की ओर पिंजरे का मुंह कर पिंजरे के गेट को खोलने पर सुअर जंगल की ओर स्वत: भाग गया. रेस्क्यू किया गया शिकारी लगभग तीन वर्ष आयु की युवा बाघिन है.