शहडोल, देशबन्धु. प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में शासकीय स्कूल के प्रतिभावान विद्यार्थियों को स्कूटी की भेंट देकर प्रोत्साहित किया गया. शिक्षा विभाग के आला अधिकारी सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन जिला स्तर पर जिम्मेदार अधिकारी इसे पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
शहडोल में हाल ही में जो तस्वीर सामने आई उससे न सिर्फ सरकारी शालाओं में पढ़ने वाले बच्चे बल्कि कई अभिभावक भी हतोत्साहित हैं. शहडोल के एक शासकीय स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बजाय स्कूल परिसर में झाड़ू लगवाई जा रही है. मामला बनसुकली संकुल अंतर्गत शासकीय माध्यामिक स्कूल चरहेट का है.
यहां बच्चे स्कूल परिसर में झाड़ू लगाते नजर आए. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा और आनन फानन में जांच के आदेश जारी किए गए. डीपीसी अमरनाथ सिंह का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जा रही हैं.
पहले भी सामने आईं ऐसी तस्वीरें- जिले में अब तक स्कूल परिसर में बच्चों से शौचालय साफ कराने और बर्तन धुलवाने के मामले सामने आ चुके हैं लेकिन अब नौनिहाल छात्रों से कथित तौर झाड़ू भी लगवाई जा रही है. अभिभावक बच्चों के भविष्य संवारने के लिए शालाओं में भेजते हैं लेकिन उन्हें पढ़ाने के बजाय काम करवाया जा रहा है.
कई जिलों में यही हालात- शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार केवल शहडोल में ही नहीं ऐसे कई जिलों के शासकीय स्कूल में खास तौर पर प्राथमिक कक्षाओं में पढऩे वाले बच्चों से न सिर्फ सफाई कर्मी के कार्य बल्कि भृत्य के कार्य भी लिए जा रहे हैं.
कुछ अभिभावको का आरोप हैं कि बच्चे मध्यान्ह भोजन की वजह से स्कूलों में किसी तरह जाते हैं लेकिन वहां उनके साथ जो व्यवहार किया जा रहा हैं वह असहनीय हो रहा हैं. अभिभावकों का आरोप है कि शिक्षकों की शैक्षणिक कार्य में रुचि कम होने की वजह से विद्यार्थियों का शैक्षणिक विकास भी नहीं हो पा रहा हैं.