सिहोरा, देशबन्धु। बिना डिग्री डॉक्टरों की भरमार हर किसी नगर और कस्बे में इन दिनों भरी पड़ी है जिसमें बिना एक्स-रे टेक्नीशियन के पद पर काम करने वाले वार्ड ब्यॉय एक्सरा सहित अस्पताल के काम कर रहे हैं जिससे मरीजों को स्वास्थ्य लाभ तो नही मिलता बल्कि उनकी परेशानी दोगुनी बढ़ जाती है और गलत इलाज के लिए पैसे भी खर्च करने पड़ रहे हैं।
जबकि सिहोरा में गिने चुने पॉली क्लिनिक चल रहे हैं जिनमे अधिकांशत: ग्रामीण क्षेत्र के लोग इलाज कराने आते हैं जिन्हें इन लोगों की ठीक से जानकारी नही होती है।
सिहोरा गढ़िया मोहल्ला निवासी नवीन आहूजा 9 अप्रैल बुधवार की शाम को बाइक से फिसल कर गिर गया था जिसके हाथ पैर में मामूली चोट आई थी जबकि दाहिने हाथ की कलाई में तेज दर्द के साथ सूजन आ गई थी जो सिविल अस्पताल रोड पर स्थित इंद्रा पॉली क्लिनिक में एक्सरा कराने गया जहां पर आदर्श नामक युवक ने एक्सरा फिल्म निकाल कर हाथ सही होना बताया गया।
जब दूसरे दिन ज्यादा दर्द होने और हाथ में बड़ी सूजन पर पीड़ित नवीन द्वारा दूसरे हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास जाकर पुन: एक्स-रे कराया गया जिसमें हाथ की कलाई में फ्रेक्चर आया, जिसके बाद पीड़ित युवक के प्लास्टर किया गया। जिसकी शिकायत पीड़ित नवीन आहूजा अनुविभागीय अधिकारी से करने की जानकारी दी है और उक्त क्लिनिक पर कार्यवाही की मांग की है जिससे इस तरह की स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही किसी अन्य के साथ न हो।
अप्रशिक्षित कर रहे जांच
सिहोरा के ज्यादातर क्लिनिक या निजी अस्पतालों और आसपास के ग्रामों में बिना किसी प्रशिक्षण और डिग्री के अप्रशिक्षित लोगों को कम वेतन पर रख कर इन क्लिनिक संचालकों द्वारा काम लिया जा रहा है जिसका परिणाम यह होता है कि पीड़ित मरीज को ज्यादा परेशानी और आर्थिक रूप से भी ठगा जाता है लेकिन इन क्लीनिकों की कभी जांच नही होती है जिनका मकड़जाल सिहोरा सहित आसपास के गांवों तक मे फैला हुआ है। और गलत ढंग से इलाज के नाम पर रुपये ऐंठे जाते हैं जिसमे स्वास्थ्य विभाग के अमले का ध्यान कभी नही जाता और यदि कभी कोई शिकायत करता है तो जांच के नाम पर वसूली करके मामले को दवा दिया जाता है।
मरीजों की जान से खिलवाड़
मरीजों के सामने बड़ी समस्या है। सिहोरा खितौला नगर में अल्ट्रा साउंड और एक्स-रे सेंटर के नाम पर दर्जनों अवैध केंद्र चल रहे हैं। जहां गैर पेशेवर लोग जांच कर रिपोर्ट बना रहे हैं। निजी अस्पताल व नर्सिंग होम के अलावा जांच घरों की भरमार है। ज्यादातर के पास न ही सुविधा होती है न ही उपचार करने का प्रशिक्षण। यहां तो पलंग पर लिटाकर ऑपरेशन तक कर दिया जाता है। नगर में ऐसे अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों से ऐसी कई जांच भी करवाई जाती है, जिसका इलाज से कोई लेना-देना नहीं होता है।