(रादुविवि) द्वारा बगैर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की मान्यता के कृषि संकाय प्रारंभ किए जाने को लेकर प्रदर्शनों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। हालहीं में मप्र छात्र संगठन द्वारा ट्रैक्टर लेकर किए गए प्रदर्शन के बाद मंगलवार को पुन: रादुविवि के कृषि संकाय के छात्रों ने कुलगुरु कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पुन: सवाल उठाया कि रादुविवि आईसीएआर की मान्यता के बिना कैसै कृषि संकाय संचालित कर रहा हैं।
प्रदर्शनकारी कृषि विभाग के छात्रों ने प्रदर्शन कर आरोप लगाया कि रादुविवि ने आईसीएआर की मान्यता के बिना ही बीएससी कृषि का कोर्स शुरू कर दिया। रादुविवि के कुलगुरु प्रोफेसर राजेश वर्मा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे छात्रों ने कहा कि चार साल का कोर्स 5-6 साल में पूरा कराया जा रहा है। छात्रों ने मान्यता व शैक्षणिक कैलेंडर को सही करने की मांग की।
छात्रों ने चेतावनी दी है कि मांगें नहीं मानी गईं तो वे न्यायालय की शरण लेगें। छात्रों ने यह भी कहा कि रादुविवि ने छात्रों को प्रवेश तो दे दिया लेकिन आवश्यक सुविधाएं नहीं जुटाई। कृषि संकाय के लिए आवंटित भवन में न तो प्रैक्टिकल लैब है, न ही नियमित प्राध्यापक अनुसंधान के लिए खेत-खलिहान की व्यवस्था भी नहीं है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि आईसीएआर की मान्यता के लिए कोशिश जारी हैं। सरकार से मिली 20 करोड़ रुपए की अनुदान राशि से लैब व अन्य संसाधन जुटाए जाएंगे। इससे छात्र-छात्राओं की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।