छपारा, देशबन्धु. आईटीआई कॉलेज छपारा में प्रशिक्षण की गुणवत्ता में अभिवृद्धि व विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिए निरंतर विभिन्न विभागों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जा रहा है। इसी क्रम में स्टेनोग्राफर हिंदी ब्रांच के छात्र-छात्राओं को कार्यालय अतिरिक्त कलेक्टर का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। जिले के इस महत्वपूर्ण कार्यालय जो कि एक जिले में सरकार का एक प्रमुख कार्यालय होता है, की कार्य पद्धति से अवगत हुए और उन्हें व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हुआ।
विद्यार्थियों को बताया गया कि कार्यालय अतिरिक्त कलेक्टर जिले के प्रशासन में कलेक्टर को सहायता प्रदान करता है और यह राजस्व प्रशासन,कानून व्यवस्था, विकास योजनाएं,चुनाव और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों से संबंधित कार्य करता है। भूमि राजस्व,करों और शुल्कों का संग्रह,भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव करता है। जिले में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन और निगरानी करना भी इसका प्रमुख कार्य है।
स्टूडेंट्स ने आलग-अलग शाखाओं का भ्रमण किया । अतिरिक्त जिला कलेक्टर सी एल चनाप द्वारा विद्यार्थियों को प्रशासनिक कार्यों से अवगत कराया गया एवं विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
उन्होंने बताया कि जो मुकदमें तहसील स्तर पर नहीं सुलझ पाते उनकी आगे की कार्यवाही जिला कार्यालय में की जाती है एवं कोई राजस्व संबंधी विवाद है तो व्यक्ति स्वयं भी कार्यालय अतिरिक्त कलेक्टर में भी अपील कर सकता है। व्यक्ति स्वयं या अपने वकील द्वारा अपना पक्ष पेश कर सकता है।
आवक शाखा में नूपुर पांडे ने शाखा की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से समझाया और प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि रजिस्टर में किस प्रकार से आने जाने वाली डाक की प्रविष्टि की जाती है, किस प्रकार सम्बंधित तक पहुंचाया जाता है और संधारण किया जाता है। स्टेनोग्राफर नरेश कुमार सोनी ने विद्यार्थियो को उनके आगामी भविष्य के लिए प्रेरित किया और स्टेनो की शाखा के बारे में जानकारी प्रदान की।
छात्रा साक्षी ने अतिरिक्त कलेक्टर महोदय के कार्यों और कार्यक्षेत्र के संबंध में जानना चाहा, जिसे वहां उपस्थित अधीक्षक महोदय ने सूक्ष्मता से समझाया । छात्रा प्रांजल सरयाम ने बताया कि अतिरिक्त कलेक्टर कार्यालय की कार्यालयीन प्रणाली को समझने में यह शैक्षणिक भ्रमण हमारे लिए अत्यंत मददगार रहा। भ्रमण के दौरान सस्था के प्रशिक्षण अधिकारी , पीडी नापित तथा प्रतिभा सोनी विशेष रूप से उपस्थित रहे । कॉलेज प्राचार्य नलिन तिवारी की निरंतर स्टूडेंट्स के बहुमुखी विकास करने की जिजीविषा के चलते यह संभव हो पाया है।