चेन्नई (तमिलनाडु). तूथुकुडी जिले के पुराने बंदरगाह पर गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया. एक बजरे (बड़े जहाज) के बैलेस्ट टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से तीन मजदूरों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान राजस्थान के संदीप कुमार (25), पुन्नकयाल के जेनिसन थॉमस (35) और उवारी के सिरोन जॉर्ज (23) के रूप में हुई है.
यह बजरा मुक्ता इंफ्रा कंपनी का बताया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल श्रीलंका और अंडमान-निकोबार में निर्माण सामग्री भेजने के लिए किया जाता है. जांच में सामने आया है कि मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के टैंक में उतारा गया था. टैंक में पानी जमा होने से जहरीली गैस बन गई थी. पहले मजदूर की आवाज बंद होने पर दूसरा और फिर तीसरा मजदूर अंदर गया और सभी वहीं फंसकर दम तोड़ बैठे. शवों को पोस्टमार्टम के लिए तूतीकोरिन सरकारी अस्पताल भेजा गया है.
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घटना के बाद आसपास के गांवों में गुस्सा फैल गया. पन्नाकायल, अलंधलाई, मनप्पाडु और उवारी के मछुआरा संगठनों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर बजरे के मालिक, कप्तान और जिम्मेदार लोगों पर हत्या का केस दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है. पीड़ित परिवारों ने शव लेने से इनकार कर दिया है और 4-4 करोड़ रुपये यानी कुल 12 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की है.
स्थानीय नेताओं और संगठनों ने चेतावनी दी है कि जब तक मुआवजे और कार्रवाई की घोषणा नहीं होती, अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा और बार्ज को बंदरगाह से नहीं निकलने दिया जाएगा. इस हादसे ने एक बार फिर तमिलनाडु के जहाजरानी और बंदरगाह उद्योगों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.