तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के अध्यक्ष विजय ने रविवार (13 जुलाई, 2025) को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने शिवगंगा जिले के मदप्पुरम बाथराकालीअम्मन मंदिर के सुरक्षा गार्ड अजित कुमार की हिरासत में हुई मौत का मामला केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपकर “केंद्र सरकार के पीछे छिपने” का प्रयास किया है. उन्होंने एजेंसी को “भाजपा और आरएसएस के हाथों की कठपुतली” बताया.
श्री विजय ने चेन्नई के स्वामी शिवानंद सलाई में पार्टी द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिसमें डीएमके शासन के पिछले चार वर्षों में तमिलनाडु में हुई हिरासत में हुई मौतों के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की गई. प्रदर्शन में बोलते हुए, अभिनेता से नेता बने स्टालिन ने कहा कि अजित कुमार के परिवार से श्री स्टालिन की माफ़ी नाकाफ़ी थी. उन्होंने कहा, “यह काफ़ी नहीं है. आपके कार्यकाल के दौरान हिरासत में यातना के कारण मारे गए 24 अन्य लोगों का क्या? आपने उनके सभी परिवारों से माफ़ी क्यों नहीं माँगी? आपने उन्हें मुआवज़ा क्यों नहीं दिया? अभी करो.”
मामले को सीबीआई को सौंपने के सरकार के कदम पर सवाल उठाते हुए, विरोध प्रदर्शन में काली कमीज़ पहने श्री विजय ने कहा, “जब सथानकुलम हिरासत में मौत का मामला सीबीआई को सौंपा गया था, तो आपने [श्री स्टालिन] इसे तमिलनाडु पुलिस का अपमान कहा था. अब आप भी यही कर रहे हैं.” उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई “भाजपा-आरएसएस के हाथों की कठपुतली” है और श्री स्टालिन पर “केंद्र सरकार के पीछे छिपने” का आरोप लगाया. उन्होंने पूछा, “अगर अदालतों को अन्ना विश्वविद्यालय में एक छात्रा के यौन उत्पीड़न से लेकर अजित कुमार की हिरासत में मौत तक, हर चीज़ में हस्तक्षेप करना पड़ता है, तो मुख्यमंत्री की भूमिका क्या है और सरकार का उद्देश्य क्या है?”
सरकार का ‘सॉरी माँ’ मॉडल
उन्होंने आरोप लगाया, “आपके पास कोई जवाब नहीं है. आपके पास बस ‘सॉरी’ है. यह सरकार का ‘सॉरी माँ’ मॉडल है.” श्री विजय ने मांग की कि डीएमके सरकार अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाए.
प्रदर्शनकारियों ने हिरासत में हुई मौतों की निंदा करते हुए नारे भी लगाए और निष्पक्ष जाँच सुनिश्चित करने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय की प्रत्यक्ष निगरानी में एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) के गठन की माँग की. उन्होंने सरकार से पिछले चार वर्षों में हुई 24 कथित हिरासत में हुई मौतों का विवरण देते हुए एक श्वेत पत्र जारी करने का भी आग्रह किया.
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इससे पहले शनिवार को श्री विजय ने चेन्नई के निकट पनैयूर स्थित पार्टी मुख्यालय में 15 से अधिक कथित हिरासत में मौत के पीड़ितों (जिनकी मृत्यु डीएमके शासन के पिछले चार वर्षों के दौरान हुई) के परिवारों से मुलाकात की.