जबलपुर. आस्तित्व संकट के दौर से गुजर रही टेलीकॉम फैक्ट्री का प्रबंधन इसके केंद्र सरकार द्वारा खत्म करने की घोषणा के पूर्व ही इसे दीमक की तरह चाटने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा हैं. फैक्ट्री से जुड़े सूत्रों ने उक्त आरोप लगाते हुए जानकारी दी कि 6 वर्ष पूर्व टैलीकॉम फैक्ट्री की राइट टाउन शाखा में जिस तरह ट्रकों से आयरन डस्ट के बीच आयरन एंगल चोरी का कारनामा सामने आया था.
ठीक उसी तरह की घटना शुक्रवार को टेलीकॉम फैक्ट्री रिछाई में सामने आई. 25 अगस्त 2022 को फैक्ट्री के सुरक्षा कर्मियों ने ट्रकों में आयरन डस्ट के बीच एंगल ले जाते ट्रकों को न सिर्फ गेट पर पकड़ा बल्कि इस घटना की तस्वीरें भी उतारी लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई.
चोरी की वारदातों को प्रबंधन द्वारा गंभीरता से न लिए जाने का खामियाजा गत दिवस रिछाई फैक्ट्री के एनएफटीए के एक श्रमिक नेता को भुगतना पड़ा. एनएफटीई यूनियन के जिला सचिव एवं फैक्ट्री में इलेक्ट्रीशियन के पद पर पदस्थ रघुनंदन सिंह पर बीती रात की पाली में फैक्ट्री में चोरी कर रहे चोरों ने जानलेवा हमला कर दिया.
श्रमिक नेताओं का आरोप हैं कि घटना की जानकारी मिलने के बाद भी न तो कथित तौर पर फैक्ट्री प्रबंधन ने गंभीर रूप से घायल श्रमिक को उपचार के लिए भिजवाने में रुचि ली न हीं एफआईआर दर्ज कराने में जिसके बाद कर्मचारी को उसके सहयोगियों ने त्रिवेणी हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां श्री सिंह की स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई हैं. श्रमिक नेताओं का आरोप हैं कि रात भर कर्मचारी की प्रबंधन ने खबर तक नहीं ली.
महाप्रबंधक ने साधी चुप्पी
इस पूरे मामले में जहां फैक्ट्री के महाप्रबंधक प्रशांत कुमार दोहरे ने चुप्पी साध रखी हैं वहीं मामले में सहायक महाप्रबंधक श्री डोंगरे ने बताया कि श्रमिक नेता के उपचार का खर्च योजनाओं के अनुसार फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा उठाया जाता हैं. उन्होंने बताया कि यह आरोप निराधार हैं कि फैक्ट्री प्रबंधन ने मामले में एफआईआर दर्ज नहीं कराई हैं. उन्होंने बताया कि मामले में अधारताल थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई हैं.
तीन वर्ष पूर्व भी बनी थी इसी तरह की स्थिति
25 अगस्त 2022 को टेलीकॉम फैक्ट्री रिछाई इसी तरह की घटना सामने आई थी जिसमें एफआईआर दर्ज न कराए जाने पर प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल उठे थे. उस वक्त ट्रकों में डस्ट के बीच आयरन एंगल की चोरी हो रही थी. फैक्ट्री के सुरक्षा कर्मियों ने ट्रकों में आयरन डस्ट के बीच एंगल ले जाते ट्रकों को न सिर्फ गेट पर पकड़ा बल्कि इस घटना की तस्वीरें भी उतारी. मामले की जानकारी प्रबंधन को दिए जाने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई.
हैरानी की बात यह है कि पूर्व में जब उक्त घटना टेलीकॉम फैक्ट्री राइट टाउन में हुई थी तब वहाँ श्रीमति स्नेहा शिवेश दुबे पदस्थ थी. सूत्रों की माने तो घटना के बाद सुरक्षात्मक कारणों से श्रीमति दुबे को रिछाई ट्रांसफर कर दिया गया था, वे वर्तमान में रिछाई में यूनिट हैड हैं.
पूर्व में भी उन्होंने घटना की पुष्टि नहीं की थी और घटना दिनांक को भी गोल मोल जवाब देती रहीं. हालांकि घटना की शिकायत पर विजिलेंस ऑफिसर एस. मेहरा के साथ जांच के लिए पहुँचे एसडीई कोऑर्डिनेशन आर.एन. यादव ने न सिर्फ घटना की पुष्टि की बल्कि मामले में शिकायत आने पर जांच की बात भी स्वीकार की.