सतना, देशबन्धु। जनपद पंचायत मैहर में न्यायालय तहसीलदार/ नायब तहसीलदार के स्वीकृत आदेश के बगैर सीधे तौर पर बीपीएल सूची में दस हजार लोगों के नाम जोडऩे का मामला प्रकाश में आया है। बिना प्रक्रिया अपनाए बीपीएल सूची में शामिल लोग म.प्र. सरकार की संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्त करते हुए शासन को करोड़ो रुपये की आर्थिक क्षति पंहुचाई है। वार्ड क्रमांक 22 तिघरा कला मैहर के नागेन्द्र तिवारी जो की शिकायतकर्ता हैं ।
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उन्होने ईओडब्ल्यू महानिदेशक भोपाल से शिकायत करते हुए बीपीएल फर्जीवाड़ा की विस्तृत एवं निष्पक्ष जांच कराकर दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने की मांग की है।
बताया गया है कि यह सभी नाम जनपद मैहर के कई गांवों के हैं। जिन्हे अवैधानिक रूप से न सिर्फ शामिल किया गया है बल्कि सरकार की संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्त करते हुए शासन को करोड़ो रुपये की आर्थिक क्षति पंहुचाई है।
एक नजर मामले पर
वार्ड क्रमांक 22 तिघरा कला मैहर के नागेन्द्र तिवारी द्वारा मैहर जनपद में बीपीएल सूची में जोड़े गये फर्जी दस हजार नामों की जांच कराने के लिए ईओडब्ल्यू के महानिदेशक भोपाल में शिकायत की गई थी। 26 मई 2025 को की गई शिकायत में 221 पेजों की फर्जी बीपीएल लिस्ट भी सौपीं थी। जिसमें उन्होने फर्जीवाड़े की जांच कराकर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए ईओडब्ल्यू के महानिदेशक ने मैहर कलेक्टर को पत्र क्रमांक 1320/2500941/2025 लिखते हुए इस शिकायत को सीईडी जेपी मैहर और संबंधित तहसीलदारों को भेज कर तहसीलकार्यालयों से जारी आदेशों के आधार पर परीक्षण रिपोर्ट मंगाई है।
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इनके नाम आये सामने
मैहर जनपद में हुए बीपीएल फर्जीवाड़ा में वेदमणि मिश्रा एवं आरएन शर्मा तत्कालीन मुख्यकार्यपालन अधिकारी व दीपक मिश्रा तत्कालीन बीपीएल प्रभारी जनपद पंचायत मैहर का नाम सामने आये हैं। आरोप है कि मैहर जनपद के गांवों में 10 हजार लोगों को बीपीएल सूची में शामिल किया गया है उसमें अवैधानिक रुप से बिना प्रक्रिया अपनाये बगैर बीपीएल सूची में नमा जोड़ दिये गये हैं।
नाम काटने के निर्देश
अपर कलेक्टर मैहर ने 23 जुलाई 2025 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी मैहर समेत तहसीलदार मैहर को पात्र-अपात्रों की जांच कर के फिर नाम काटने के निर्देश दिये हैं। साथ इस रिपोर्ट सौंपने के निदेश भी दिये हैं। इस आदेश को एक माह से ऊपर का समय बीत चुका है। लेनिक इस मामले में अभी पत्राचार का दौर चल रहा है।