जबलपुर.हाईकोर्ट की दो अलग-अलग एकलपीठ ने भोपाल कलेक्टर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था। भोपाल कलेक्टर के खिलाफ एक एकलपीठ ने जमानती वारंट जारी किया था। जमानती वारंट जारी होने के कारण भोपाल कलेक्टर एकलपीठ के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुई। दूसरी एकलपीठ ने समक्ष उन्होने उपस्थिति माफी का आवेदन प्रस्तुत किया था। जिसे गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट जस्टिस ए के सिंह की एकलपीठ ने भोपाल कलेक्टर को 19 मार्च को याचिका की सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के आदेष जारी किये है।
गौरतलब है कि रेरा के द्वारा जारी आरआरसी का निष्पादन नहीं किये जाने के खिलाफ दो अलग-अलग व्यक्तियों के द्वारा हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने व्यक्तिगत उपस्थित के लिए जमानती वारंट जारी किया था। दूसरी अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस ए के सिंह की एकलपीठ ने उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति के आदेष जारी किये थे। दोनों अवमानना याचिका पर 12 मार्च को सुनवाई निर्धारित थी।
भोपाल कलेक्टर निर्धारित तिथि को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने समक्ष उपस्थित थे। जस्टिस ए के सिंह की एकलपीठ ने समक्ष उन्होंने उपस्थिति माफी के लिए आवेदन पेष किया था। जिसमें बताया गया था कि उन्हें दिल्ली में आधिकारिक कार्य के लिए आमंत्रित किया गया है।
याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस ए के सिंह की एकलपीठ को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि उपस्थिति से बचने के लिए आवेदन पेष किया गया है। भोपाल कलेक्टर के खिलाफ दूसरी एकलपीठ ने जमानतीय वारंट इसलिए वह आज दोपहर 1 बजे उनके समक्ष उपस्थित हुए है। इस न्यायालय ने उनके विरुद्ध कोई जमानती वारंट जारी नहीं किया है। एकलपीठ ने अपने आदेष में कहा है कि अगली सुनवाई के पूर्व आदेष का पालन सुनिश्चित नहीं किया जाता है तो कलेक्टर भोपाल 19 मार्च को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहें। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता धु्रव वर्मा तथा कपिल दुग्गल ने पैरवी की।