जबलपुर. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डेढ साल से डॉक्टरों की पदस्थापना नहीं किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट जस्टिस ए के सिंह तथा जस्टिस अमित सेठ की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिका पर अगली सुनवाई जून माह के अंतिम सप्ताह में निर्धारित की गयी है। अनूपपुर निवासी विकास प्रताप सिंह की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि जिले के राजनगर क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र डेढ साल पूर्व स्थापित किया गया था। स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टरों की निर्धारित पदों की संख्या 15 है।
स्थापना के बाद से स्वास्थ्य केन्द्र में कोई डॉक्टर की पदस्थापना नहीं की गयी। जिसके कारण क्षेत्र में रहने वाले 50 हजार लोगों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है। जो लोगों के मौलिक व स्वास्थ्य अधिकारों का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया कि महिला डॉक्टर नहीं होने कारण गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पडता है। नर्सों के द्वारा महिला की डिलीवरी कराई जाती है।
स्वास्थ्य केन्द्र में एंटी रेबीज के इंजैक्टषन व आवश्यक दवाइयां भी उपलब्ध नहीं रहती है। स्वास्थ्य केन्द्र में पैरा मेडिकल स्टाफ भी निर्धारित पदों से कम है। स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद भी लोगों को उपचार के लिए भटकना पड़ता है।
याचिका में प्रदेष सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव,कलेक्टर तथा सीएमओ को अनावेदक बनाया गया था। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सिद्धार्थ गोटिया ने पैरवी की।