चित्रकूट, देशबन्धु। मध्य प्रदेश क्षेत्र के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा विकास के नाम पर कार्य कराए जा रहे जो गुणवत्ता से भिन्न हैं, चाहे सीवर लाइन हो या नाली का निर्माण, सूत्र बताते हैं यह सब कार्य नगर परिषद चित्रकूट की देखरेख में कराए जा रहे हैं, लेकिन नगर परिषद चित्रकूट के अधिकारी इंजीनियर को इन कायोज़्ंको देखने क लिए समय नहीं है या फिर ठेकेदार पर मेहरबान होकर खुली छूट दे रहे हैं उदाहरण के लिएके सीवर लाइन बिना पैच भरे ऊपर से कंक्रीट कर देने के कारण चित्रकूट में मामूली बाढ़ में ही पुरानी लंका तिराहे के पास भीषण गड्ढे हो गए हैं। बाढ के बाद समान्य हुई स्थिति के चलते आवागमन जब से शुरू हुआ है अब तक में तीन ट्रक लगभग 10 फोर व्हीलर गाडिय़ां फंस चुकी हैं। कई वाहन पलटते बचे हैं।
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समझ में नहीं आ रहे गड्ढे
बताया गया है कि बाढ़ के गुणवत्ता विहीन कार्यों की पोल तो खुल ही गई है। जो सड़क में सीबर लाइन के बड़े -बड़े गड्ढे हो गये हैं। उन गड्ढों में बाढ़ का मलबा जमा होने के कारण वाहन चालकों को कुछ समझ में नहीं आ रहा है। जिसके चलते सड़कों में अनायास वाहन फंस जा रहे हैं। इस वजह से काफी लंबगा जाम लग रहा है। लोगों का कहना है कि बाढ़ के बाद यह समस्या और भी ज्यादा खतरनाक है। इसमें किभी की भी जान जा सकती है।
यहां ज्यादा समस्या
वैसे तो यह समस्या पूरे चित्रकूट में है। लेकिर मप्र का जो क्षेत्र है वहां कुछ ज्यादा ही समस्या है। बताया गया है कि चित्रकूट नगर परिषद के पुरानी लंका तिराहे के पास भीषण जाम की स्थिति है। इसी तरह से चित्रकूट के कमदगिरि मंदिर सतना रोड और यूपी के रामघाट को जोडऩे वाला मुख्य तिराहे में लोग जान हथेली पर रखकर यात्रा कर रहे हैं।
जा सकती है जान
बताया गया है कि बाढ के बाद जब स्थिति सामान्य हुई है तब से अभी तक कई ई-रिक्शा और ऑटो ऊपर से नजर न आने वाले गड्ढों में बुरी तरह से फंस कर के पलट चुके हैं। गनीमत रही कि अभी तक इस समस्या में किसी की जान नहीं गई है।