सतना, देशबन्धु। रेलवे द्वारा प्रतिबंधित किए गए अवैध वेंडरों को जबलपुर रेल मंडल के आला अधिकारियों, आरपीएफ और जीआरपी ने अपनी ऊपरी कमाई का सबसे बड़ा हथियार बना लिया है, यही वजह है कि पूरे जबलपुर मंडल के प्रमुख रेलवे स्टेशन और रेलगाडय़िों में अवैध वेंडरों की बाढ़ आ गई है। रेलवे सूत्रों की माने तो अवैध वेंडरों को दौड़ाने वाले ठेकेदार हर दिन रिकार्ड तोड़ कमाई का रिकार्ड बनाते हुए डीआरएम आफिस तक घुसपैठ करने में सफल हो गए हैं। मंडल के आला अधिकारियों के साथ साथ इन मालदार ठेकेदारों ने आरपीएफ और जीआरपी को अपना संरक्षक बना लिया है।
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सजी हुई हैं दुकानें
वैसे तो जबलपुर, कटनी, मैहर, रीवा रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडरों की दुकान बराबर सजी हुई है पर सबसे ज्यादा आतंक सतना – मानिकपुर रेलखंड पर देखा जा रहा है। इस रेलखंड में ये अवैध वेंडर हर सवारी गाडी को अपना निशाना बना रहा है। इसमें पुरुष और महिला अवैध वेंडरों की पूरी फौज है।
लाखों रुपए का होता है वारा न्यारा
हैरान करने वाली बात तो यह है कि भारतीय रेलवे द्वारा बनाए गए कानून को रौंदते हुए दो नंबरी कारोबार को धड़ल्ले से कराया जा रहा है। वैसे तो जबलपुर रेल मंडल में एक दर्जन से अधिक तथाकथित ठेकेदारों द्वारा अवैध वेंडर्स को दौड़ाने का धंधा डंके की चोंट पर किया जा रहा है पर इस मामले में अवैध वेंडरों को ट्रेनों में दौडाने सहित सुरक्षा प्रदान करने वालों की बात ही कुछ और है। इतना ही नहीं इन ठेकेदारों द्वारा डीआरएम ऑफिस, कमाडेंट ऑफिस, सतना और मानिकपुर स्टेशन की आरपीएफ और जीआरपी को हर महीने भारी भरकम नजराना पेश किया जाता है।