नागदा, देशबंधु. उज्जैन जिले के नागदा शहर मेंशहर में गत दिनों दूूषित और बिना परीक्षण के जलापूर्ति करने पर जागरूक नागरिकों में आक्रोश भड़क उठा है. जनता के स्वास्थ्य के साथ किए गए कथित खिलवाड़ पर सीएमओं के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की मांग का एक आंदोलन खड़ा करने का प्रस्ताव पारित किया गया. यह निर्णय एक गैर राजनैतिक मंच के बैनर तले पानी पर चर्चा महापंचायत की बैठक में लिया गया. बैठक युवा नेता बसंत मालपानी के संयोजन में हुई.
इस मौके पर आगामी आंदालने की रूपरेखा भी तय की गई. बैठक में शहर के लगभग 55 जागरूक नागरिकों ने भाग लिया. बेठक में महिलाओं और कुछ जनप्रतिनिधियों ने भी सहभागिता की. कई वक्ताओं के विचार में यह तथ्य उभर कर सामने आया हैकि गत दिनों बिना जांच के दूषित पानी का वितरण किया गया उसके लिए नपा के सीएमओं जिम्मेदार है. ऐसी स्थिति में रविवार 12 अक्टूबर को पुलिस थाने में सीएमओं पर अपराध कायम करने के लिए ज्ञापन देने पर सहमति बनी. एक भीड के साथ नागरिक पुलिस थाना परिसर में पहुंचेगे.
इन्होनें रखे विचार
बैठक के प्रारंभ में संयोजक बसंत मालपानी ने दूषित जल आपूर्ति और शहर में चरमराई सफाई व्यवस्था, नपा में व्याप्त भष्टाचार के खिलाफ मोहल्ला और वार्ड स्तर तक आंदोलन खड़ा करने की मंशा जताई. जनचेतना जागृत करने के लिए पैम्लेट वितरीत करने का ऐलान किया. जिस पर उपस्थित जनसमूह ने सहमति जताई. उन्होंने बताया यह एक गैर राजनैतिक आंदोलन होगा. आंदेालन का नेतृत्व जनता करेगी.
सामाजिक कार्यकर्ता अभय चौपड़ा ने दूषित पानी की जलापूर्ति पर जनता के स्वाथ्य के साथ खिलवाड़ करने पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों पर निशाना साधा. उन्होंने दूषित जल से होने वाली बीमारियों पर प्रकाश डाला. पत्रकार कैलाश सनोलिया ने कहा चंबल नदी पर बना 16 एमएलडी का प्लांट एक मानक के अनुसार प्रतिदिन एक करोड़ 60 लाख लीटर पानी शुद्ध करने की क्षमता रखता है. इसको बनाने के लिए 2करोड’ 27 लाख का खर्च आया था.
जोकि शहर के लिए बनी जलआवर्धन योजना के तहत बना है. यह योजना वर्ष 2026 तक हर परिस्थति आबादी बढोतरी, नई कालोनियों का विस्तार, शहर की बदलती भागोलिक स्थिति का ख्याल में रखकर शुद्ध और पर्याप्त जलापूर्ति कराने के उदेश्य से बनी है. एक मानक के अनुसार एक व्यक्ति को प्रतिदिन 165 लीटर पानी उपभोग के लिए पर्याप्त है. हालांकि यह आंकडा बहुत ज्यादा है. इस मान से वर्तमान का जो 16 एमएलडी का प्लांट है वह एक मानक के अनुसार 1 लाख 18 हजार लोगों को प्रतिदिन शुद्ध पानी सेवन कराने के लिए सक्षम है.
अब इस आबादी पर विचार करे तों बिड़लागाम के कई क्षेत्रों में ग्रेसिम अपने प्लांट से आपूर्ति करता है. जबकि गत जनगणना में नागदा और बिड़लागा्म समेत कुल आबादी एक लाख मात्र 39 थी. यदि आबादी का विस्तार हुआ तो बिडलाग्राम के इलाकें मे जहां ग्रेसिम जलापूर्ति कर रहा है, उसकी आबादी का बोझ हमारे प्लांट पर नहीं है. जितनीआबादी पिछली जनगणना के बाद बड़ी लगभग उतनी आबादी को उद्योग अपने क्षेत्र में अपने प्लांट से पानी पिला रहा.
इधर प्लांट पर अस्थायी कर्मचारी कार्यरत है. वे इतने कुशल भी नहीं है. प्रयोगशाल बंद पडी रही. इसका मतलब जिम्मेदारेा की लापरवाही से दूषित जल वितरीत हुआ. जिसका खामियाजा जनता ने भोगा. पार्षद प्रतिनिधि भूपेद्रसिंह राणावत ने विधानसभा में आए आकडों का संदर्भ देकर बताया कि गत पिछली बार 55 लाख की एलम नपा ने खरीदी है. इतनी मात्रा में एलम का उपयोग भष्टाचार की संभावाना से इंकार नहीं किया जा सकता.
बच्चा बना आकर्षण
इस बैठक में एक 5 – 6वर्ष का बच्चा आकर्षण का केंद्र बना. उसने बैठक में अपने विचार रखे. घारा प्रवाह वह बोला. उसका कहना थाकि गंदी पानी पीने से उसका पेट खराब हुआ. वहं बीमार हुआ और जनसेवा में भर्ती रहा.व्यापारी दिलीप कांठेड ने इस प्रकार के आंदोलन को सहयोग करने का भरोसा दिलाया.
इस अवसर पर बकुलेश जैन, हरचरण चावला, अशोक गौर, सतीश बजाज, विनयराज शर्मा, एन गोथरवाल, निशा चौहान, श्रीमती गुडृडी गुर्जर, रानी शेख ने भी चिचार रखें. बैठक का संचालन नरेंद्रसिंह देवड़ा ने किया.