उमरिया, देशबन्धु. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला पर्यटन जोन में शुक्रवार को पर्यटकों को एक अद्भुत दृश्य देखने का मौका मिला. 6 वर्षीय बाघिन चक्रधरा अपने 8 महीने के तीन शावकों के साथ सफारी मार्ग पार करती नजर आई.
मार्ग के दोनों ओर जिप्सी में बैठे पर्यटक इस अनूठे दृश्य कोझाड़ियों और सुरक्षित क्षेत्रों में विचरण करती बाघिन बाघिन चक्रधरा अपने शावकों के साथ बेहद सहज मुद्रा में दिखाई दी. ताला जोन की यह प्रसिद्ध बाघिन मुख्यत: चक्रधरा क्षेत्र में देखी जाती है, इसलिए इसका नाम चक्रधरा रखा गया है. शावकों के साथ बाघिन का दिखना पर्यटकों के लिए एक दुर्लभ अनुभव है. अपनी शावकों की सुरक्षा के चलते बाघिन अक्सर झाड़ियों और सुरक्षित क्षेत्रों में ही विचरण करती है.
165 से अधिक बाघों का घर बना बांधवगढ़
शुक्रवार को बाघिन चक्रधरा गोपालपुर तालाब के पास वन मार्ग पार करते हुए नजर आई, जो पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय क्षण था. बाघिन और उसके शावक पर्यटकों को बहुत कम ही दिखाई देते हैं, इसलिए यह दृश्य खास था.बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व वर्तमान में 165 से अधिक बाघों का घर है, जो इसे भारत के प्रमुख बाघ संरक्षण स्थलों में से एक बनाता है.
चक्रधरा और उसके शावक न केवल वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि बांधवगढ़ में बाघों की आबादी और उनका प्राकृतिक आवास सुरक्षित है. ऐसी दुर्लभ झलकियां वन्यजीव संरक्षण के महत्व को समझने में मदद करती हैं.