भोपाल.12 मार्च 2025. सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने मध्यप्रदेश बजट 2025-26 की सराहना करते हुए इसे “विकसित भारत के संकल्प को साकार करने वाला सर्वहितैषी व सर्वकल्याणकारी बजट” बताया। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “ज्ञान पर ध्यान के मंत्र” को इस बजट में पूरी तरह आत्मसात किया गया है। मंत्री श्री सारंग ने बजट के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व और वित्त मंत्री श्री देवड़ा द्वारा प्रस्तुत 4,21,032 करोड़ के ऐतिहासिक बजट ने प्रदेश में विकास, समृद्धि और जनकल्याण को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त किया है। यह बजट आर्थिक अनुशासन का पालन करते हुए 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
देश में पहली बार हर विधानसभा में होगा खेल परिसरों का निर्माण
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि बजट में खेलों इंडिया एम.पी. के अंतर्गत ₹180 करोड़, खेल अकादमियों की स्थापना के अंतर्गत ₹170 करोड़ तथा स्टेडियम एवं खेल अधोसंरचना निर्माण के अंतर्गत ₹159 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार किसी राज्य की हर विधानसभा में खेल स्टेडियम बनाए जाने की ऐतिहासिक पहल की गई है, जिससे युवाओं को खेल और शारीरिक विकास के लिए बेहतरीन अवसर मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “सी.एम. युवा-शक्ति” योजना के अंतर्गत सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक सर्वसुलभ एवं सर्वसुविधा संपन्न स्टेडियम सुनिश्चित किया जायेगा। इस योजना हेतु बजट में रुपये 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पारंपरिक खेलों को भी मिलेगा बढ़ावा
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि नवीन योजना “परंपरागत खेलों को प्रोत्साहन” अंतर्गत प्रदेश के परम्परागत खेल कबड्डी, खो-खो, गिल्ली-डंडा, शतरंज, कुश्ती, तीरंदाज़ी, गदा, पिट्ठू, कंचे आदि की प्रतियोगिताओं का आयोजन समस्त विकासखंडों में भारत सरकार एवं एन.आई.एस. पटियाला के तत्वाधान में किया जायेगा। जिससे पारंपरिक खेलों को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी और युवा पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक विरासत से और अधिक जुड़ सकेगी।
सहकार से समृद्धि का संकल्प होगा सुदृढ़
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश बजट 2025-26 में सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। बजट में सहकारी बैंकों को अंशपूंजी के अंतर्गत1000 करोड़, सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान के अंतर्गत 694 करोड़, प्राथमिक साख सहकारी समितियों को प्रबंधकीय अनुदान के अंतर्गत 149 करोड़, आडिट बोर्ड के अंतर्गत 72 करोड़ के साथ ही स्थापना व्यय के अंतर्गत 71 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
श्री सारंग ने कहा कि प्रदेश में कुल 4 हजार 500 प्राथमिक सहकारी समितियां क्रियाशील हैं। वर्ष 2024-25 में इन समितियों के माध्यम से लगभग 33 लाख किसानों को रुपये 19 हजार 895 करोड़ का अल्पकालीन ऋण शून्य ब्याज दर पर उपलब्ध कराया गया है। “सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान” योजना हेतु रुपये 694 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। यह बजट सहकारिता के माध्यम से प्रदेश के किसानों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सहकारी संस्थाओं को और अधिक समृद्ध व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
केसीसी से किसानों, पशु व मत्स्य पालकों को मिल रहा लाभ
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि प्रदेश में हर किसान, पशुपालक और मत्स्य पालक को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से जोड़ा जा रहा है, जिससे वे कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर अपनी आजीविका को सशक्त बना सकें। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में 69 लाख 63 हजार किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इसके अलावा, 5 लाख 34 हजार पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ प्रदान किया गया है। साथ ही, मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 1 लाख 10 हजार से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं।
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि मत्स्य पालक कृषकों के 83,840 प्रकरण स्वीकृत कर 236 करोड़ 74 लाख की साख सीमा स्वीकृत की गई है। यह योजना किसानों, पशुपालकों और मत्स्य पालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनकी आय में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
बजट की मुख्य विशेषताएं:
– खेल स्टेडियम का निर्माण: देश में पहली बार मध्यप्रदेश में हर विधानसभा में खेल स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा।
– सहकारी बैंकों को अंशपूंजी: बजट में सहकारी बैंकों को अंशपूंजी के अंतर्गत 1000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
– किसान क्रेडिट कार्ड: प्रदेश में हर किसान, पशुपालक और मत्स्य पालक को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से जोड़ा जा रहा है।
– पारंपरिक खेलों को बढ़ावा: नवीन योजना “परंपरागत खेलों को प्रोत्साहन” अंतर्गत प्रदेश के परम्परागत खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा।