संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने पाकिस्तान की नीतियों और झूठे प्रचार का पर्दाफाश किया है. भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथनेनी हरीश ने पाकिस्तान पर करारा हमला बोलते हुए 1971 के ऑपरेशन सर्चलाइट का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि इस सैन्य अभियान के दौरान पाकिस्तानी सेना ने करीब 4 लाख महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया था, जो मानवता के खिलाफ एक घिनौना अपराध था.
हरीश ने कहा कि पाकिस्तान हर साल संयुक्त राष्ट्र में भारत और जम्मू-कश्मीर पर झूठे आरोप लगाकर दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश करता है, जबकि सच यह है कि पाकिस्तान खुद अपने नागरिकों पर बम बरसाता है और नरसंहार करता है.
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की बात करता है, जबकि उसकी सेना ने ही लाखों महिलाओं की इज्जत लूटी और निर्दोष लोगों की हत्या की.”
भारत महिला शांति सैनिकों को दे रहा बढ़ावा
हरीश ने बताया कि भारत हमेशा से महिला सशक्तिकरण और शांति स्थापना मिशनों में अग्रणी रहा है. भारत की पहली आईपीएस अधिकारी डॉ. किरण बेदी को उदाहरण के रूप में पेश करते हुए उन्होंने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र पुलिस डिवीजन की पहली महिला सलाहकार (2003) बनीं.
उन्होंने कहा, “अब सवाल यह नहीं कि महिलाएं शांति मिशनों में भाग ले सकती हैं या नहीं, बल्कि यह है कि क्या शांति मिशन महिलाओं के बिना संभव हैं?”
हरीश ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का हवाला देते हुए कहा कि भारत के लिए महिला शांति सैनिक ‘शांति की सच्ची दूत’ हैं, जो लैंगिक हिंसा को रोकने और समाज में समानता स्थापित करने में अहम भूमिका निभाती हैं.