आगरा. भारत की विश्वप्रसिद्ध धरोहर ताजमहल की सुरक्षा को और सख्त करते हुए अब एंटी-ड्रोन सिस्टम की तैनाती कर दी गई है. यह अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली ताजमहल परिसर में स्थापित की गई है, जो किसी भी अनाधिकृत ड्रोन के प्रवेश करते ही उसे निष्क्रिय करने में सक्षम है. यह कदम बढ़ते तकनीकी खतरों और स्मारक की संवेदनशीलता को देखते हुए उठाया गया है.
ताज सुरक्षा के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) सैयद अरीब अहमद ने शुक्रवार को बताया कि यह एंटी-ड्रोन सिस्टम 8 किलोमीटर तक ड्रोन को निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है, लेकिन फिलहाल इसे 500 मीटर की परिधि तक सीमित रखा गया है. इस दायरे में कोई भी ड्रोन आते ही रेडियो फ्रीक्वेंसी और जीपीएस सिग्नल जैमिंग तकनीक के माध्यम से फौरन गिरा दिया जाएगा.
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एसीपी अहमद ने बताया कि किसी भी ड्रोन के गिरने के तुरंत बाद, एक त्वरित प्रतिक्रिया टीम मौके पर पहुंचकर ड्रोन को सुरक्षित करेगी और ड्रोन ऑपरेटर का पता लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस नई व्यवस्था से ताजमहल और उसके आस-पास के पर्यटक क्षेत्रों में किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सकेगा.
ताजमहल पहली बार नहीं बना हाईटेक निगरानी का केंद्र
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली का प्रयोग किया गया है. इससे पहले जनवरी 2024 में अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान और प्रयागराज के महाकुंभ में भी एंटी-ड्रोन सिस्टम का उपयोग सफलतापूर्वक किया गया था.
पर्यटकों से अपील
प्रशासन ने पर्यटकों से अपील की है कि वे ताजमहल के आस-पास ड्रोन उड़ाने की कोशिश न करें, क्योंकि यह कानूनी अपराध है और कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ताजमहल नो-फ्लाइंग जोन है और इसकी अवहेलना किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
इस कदम से न केवल ताजमहल की सुरक्षा मजबूत हुई है, बल्कि यह भारत के ऐतिहासिक स्थलों की रक्षा को लेकर सरकार की गंभीरता को भी दर्शाता है.