अमेरिका: राष्ट्रपति ट्रम्प ने विदेशी फिल्मों पर भी 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अमेरिकी फिल्म इंडस्ट्री को विदेशी कंपनियों ने ‘चुरा’ लिया है। यह कुछ वैसा ही है जैसे कोई बच्चा चॉकलेट चुरा ले। ट्रम्प ने खास तौर पर कैलिफोर्निया का जिक्र किया। इसी राज्य के लॉस एंजिलिस में हॉलीवुड है। ट्रम्प ने कहा कि कैलिफोर्निया की कमजोर सरकार और बुरे गवर्नर की वजह से यह राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
ट्रम्प ने कहा कि इस लंबे समय से चली आ रही और कभी न खत्म होने वाली समस्या को खत्म करने के लिए वह अमेरिका के बाहर बनने वाली सभी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाएंगे। ट्रम्प ने इससे पहले मई में विदेशी फिल्मों पर टैरिफ लगाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिकी फिल्म इंडस्ट्री तेजी से मर रही है क्योंकि दूसरे देश लुभावने ऑफर देकर अमेरिकी फिल्म निर्माताओं को अपने देशों में खींच रहे हैं।
टैरिफ कैसे लागू होगा, फिलहाल साफ नहीं- डोनाल्ड ट्रम्प ने भले ही विदेशों में बनने वाली फिल्मों पर 100 टैरिफ कर दिया है, लेकिन फिलहाल यह साफ नहीं है कि यह कैसे लागू होगा। ज्यादातर फिल्मों की शूटिंग दुनिया के कई देशों में होती हैं। ब्रिटेन, कनाडा जैसे देशों में फिल्मों के प्रोडक्शन में टैक्स पर छूट भी देते हैं। इसकी वजह से फिल्में अमेरिका की बजाय इन देशों में शूट हो रही हैं।
अमेरिका में फिल्म प्रोडक्शन 26% घटा- अमेरिका में फिल्मों के प्रोडक्शन में लगातार गिरावट आ रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में 2021 के मुकाबले 2023 तक फिल्म प्रोडक्शन में 26% की गिरावट आई हैं। इसकी वजह से लॉस एंजिलिस शहर के हालात और भी खराब हैं।
फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े संगठन मोशन पिक्चर एसोसिएशन के मुताबिक 2023 में अमेरिकी फिल्मों ने दुनिया भर में सिर्फ 22.6 अरब डॉलर की कमाई की है। ट्रम्प पहले भी कई बार कह चुके हैं कि वो हॉलीवुड को बड़ा, बेहतर और पहले से ज्यादा मजबूत बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने इसके लिए उन्होंने मेल गिब्सन, जॉन वॉइट और सिल्वेस्टर स्टैलोन जैसे एक्टर्स को स्पेशल एंबेसडर भी बनाया हैं।
हॉलीवुड अमेरिका की बड़ी सॉफ्ट पावर- हॉलीवुड सिर्फ फिल्में बनाने की जगह नहीं है, बल्कि यह अमेरिका की सॉफ्ट पावर का सबसे बड़ा हथियार भी रहा है। पिछली एक सदी से हॉलीवुड की फिल्मों ने दुनिया भर में अमेरिकी संस्कृति, भाषा, जीवनशैली और विचारधारा को पहुंचाया है।
स्पाइडरमैन, एवेंजर्स, टाइटैनिक, गॉडफादर, स्टार वॉर्स, हैरी पॉटर जैसी फिल्में सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं थीं, बल्कि अमेरिका की ग्लोबल पहचान का हिस्सा बन गई हैं। अमेरिका में हर साल सैकड़ों फिल्में बनती हैं और इनका बाजार सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं रहता है। ये दुनिया के लगभग हर देश में रिलीज होती हैं।
2023 में अमेरिकी फिल्मों ने अकेले एक्सपोर्ट से 22.6 अरब डॉलर की कमाई की और 15.3 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस दिया। हालांकि, बीते कुछ सालों में हॉलीवुड को कोविड-19 महामारी, 2023 में फिल्म यूनियनों की हड़तालें, लॉस एंजिलिस में जंगल की आग, और बढ़ती प्रोडक्शन कॉस्ट जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
टैरिफ कैसे लगेगा, यह साफ नहीं- द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्मों पर टैरिफ कैसे लगेगा, यह साफ नहीं है। क्या यह फिल्म की निर्माण लागत पर लगेगा, बॉक्स ऑफिस की कमाई पर, या यह देखा जाएगा कि फिल्म का कितना हिस्सा विदेश में बनाया गया?विदेशी लोकेशन पर शूट होने वाली फिल्मों जैसे ‘जेम्स बॉन्ड’ या ‘हैरी पॉटर’ पर टैरिफ कैसे लगेगा? टीवी शो पर यह लागू होगा या नहीं.
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फिल्म निर्माता कहते हैं कि 100% टैरिफ उनके लिए पूरी तरह प्रोडक्शन बंद करने के बराबर होगा। रिपोर्ट के मुताबिक टैरिफ का उल्टा असर भी हो सकता है, क्योंकि दूसरे देश अमेरिकी फिल्मों पर भी टैरिफ लगा सकते हैं, जिससे टिकट बिक्री प्रभावित होगी। अब ज्यादातर स्टूडियो का कमाई इंटरनेशनल लेवल पर है।