नई दिल्ली/रियो डी जेनेरो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BRICS Summit में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील पहुंच गए हैं. यह BRICS की 17वीं वार्षिक बैठक है, जो इस बार ब्राजील के रियो डी जेनेरो में आयोजित हो रही है. इस बार समिट खास है क्योंकि पहली बार इसमें 11 सदस्य देशों की भागीदारी हो रही है.
प्रधानमंत्री मोदी इस मंच पर 12वीं बार भाग ले रहे हैं और वे इस दौरान BRICS के कई सदस्य देशों के प्रमुखों से द्विपक्षीय मुलाकातें भी करेंगे.
समिट का एजेंडा:
इस बार BRICS समिट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के सुरक्षित और नैतिक उपयोग, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य, और सीमा पार आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. भारत, सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपनी चिंता एक बार फिर वैश्विक मंच पर दोहरा सकता है.
राजकीय दौरा और रक्षा समझौते:
प्रधानमंत्री मोदी BRICS समिट के बाद ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में दो दिवसीय राजकीय दौरे पर जाएंगे, जहां उनकी मुलाकात ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा से होगी.
ब्राजील में भारत के राजदूत केनेथ फेलिक्स हैक्जिंस्की दा नोब्रेगा ने जानकारी दी है कि दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में अहम समझौते हो सकते हैं. इसमें भारत द्वारा ब्राजील को आकाश डिफेंस सिस्टम और गश्ती जहाज बेचने पर चर्चा शामिल है. साथ ही, स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियों के प्रबंधन पर भी MoU साइन होने की संभावना जताई गई है.
व्यापार लक्ष्य और सहयोग:
ब्राजील यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार को और गति देने पर भी जोर दिया जाएगा. पिछली G-20 समिट में दोनों देशों के प्रमुखों ने ₹2000 करोड़ के व्यापार लक्ष्य का ऐलान किया था, जिसे अब और मजबूती दी जाएगी.
क्या है BRICS?
BRICS एक अंतरराष्ट्रीय समूह है जिसमें 11 प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं:
ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, UAE, सऊदी अरब और इंडोनेशिया.
शुरुआत में 4 देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन) शामिल थे, जिसे BRIC कहा गया.
वर्ष 2009 में रूस के येकातेरिनबर्ग में हुई पहली बैठक के बाद इसे विस्तार दिया गया.
इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर पश्चिमी देशों के दबदबे को संतुलित करना और ग्लोबल साउथ की आवाज को मज़बूती देना है.
BRICS की बड़ी उपलब्धियां:
2014 में न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना की गई, जिससे सदस्य देशों के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को फंडिंग मिलती है.
रिजर्व फंड की व्यवस्था की गई ताकि संकट के समय डॉलर पर निर्भरता कम हो.
BRICS देशों की भूमिका अब बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था (Multipolar World Order) के निर्माण में मानी जा रही है.
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल BRICS के मंच पर भारत की स्थिति को मज़बूत करेगी, बल्कि भारत-ब्राजील के द्विपक्षीय संबंधों को भी नई दिशा देने वाली साबित हो सकती है.
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