लॉस एंजिलिस. अमेरिका के लॉस एंजिलिस शहर में विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है. प्रदर्शनकारियों द्वारा जगह-जगह की गई तोड़फोड़ और आगजनी के चलते शहर की मेयर करेन बास ने स्थानीय आपातकाल घोषित करते हुए डाउनटाउन क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया. यह कर्फ्यू मंगलवार रात 8 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक प्रभावी रहेगा.
मेयर करेन बास ने चेतावनी दी है कि यदि हालात नहीं सुधरे तो कर्फ्यू की अवधि को आगे बढ़ाया जा सकता है. प्रदर्शन डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा अप्रवासी नागरिकों के घरों पर की जा रही छापेमारी के विरोध में शुरू हुए थे, लेकिन धीरे-धीरे यह आंदोलन उग्र होता चला गया.
देशभर में भड़का आंदोलन
लॉस एंजिलिस के अलावा, सिएटल, ऑस्टिन, शिकागो और वॉशिंगटन डी.सी. जैसे प्रमुख शहरों में भी विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं. कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर ट्रैफिक बाधित किया और फेडरल इमारतों के पास नारेबाजी की.
ट्रंप का तीखा बयान, सैन्य बल की तैनाती
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन विरोध प्रदर्शनों को “शांति, सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय संप्रभुता पर सीधा हमला” करार दिया है. उन्होंने यह बयान नॉर्थ कैरोलिना स्थित फोर्ट ब्रैग में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिया.
ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों को “पेशेवर उपद्रवी” बताया और कहा कि अमेरिकी झंडा जलाने वालों को एक साल की सजा दिलाने के लिए वह नए कानून पर काम कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने लॉस एंजिलिस में नेशनल गार्ड और मरीन सैनिकों की तैनाती का आदेश भी दिया.
सैन्य तैनाती पर उठे सवाल
हालांकि, ट्रंप के इस कदम की आलोचना भी हो रही है. विशेषज्ञों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि सैन्य बल की तैनाती से स्थिति को काबू में लाने के बजाय और अधिक तनाव बढ़ सकता है. फिलहाल, लॉस एंजिलिस सहित कई अमेरिकी शहरों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, और प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है.