न्यूयॉर्क. अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ी राहत देते हुए मानवीय पैरोल प्रोग्राम को समाप्त करने की इजाजत दे दी है, जिससे क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला जैसे देशों के 5 लाख से अधिक प्रवासियों के भविष्य पर संकट गहराता नजर आ रहा है.
कोर्ट के फैसले का असर
सुप्रीम कोर्ट ने मैसाचुसेट्स के फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया है, जिसमें इन देशों के प्रवासियों के लिए मानवीय सुरक्षा को बरकरार रखा गया था. अब ट्रंप प्रशासन को इन प्रवासियों की अस्थायी कानूनी स्थिति रद्द करने का रास्ता साफ हो गया है. इससे लगभग 10 लाख प्रवासी निर्वासन के दायरे में आ सकते हैं.
बाइडेन प्रशासन का प्रोग्राम भी खत्म
गौरतलब है कि जो बाइडेन प्रशासन ने 2022-23 में अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर प्रवासी संकट को देखते हुए एक पैरोल प्रोग्राम शुरू किया था. इसके तहत करीब 5.32 लाख प्रवासियों को दो वर्षों तक अमेरिका में रहने और काम करने की इजाजत दी गई थी.
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ट्रंप ने दिए थे खत्म करने के आदेश
अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही ट्रंप ने होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम को सभी पैरोल प्रोग्राम खत्म करने का निर्देश दिया था. इसके तहत 24 अप्रैल तक सभी पैरोल की वैधता समाप्त करने की घोषणा की गई.
कानूनी लड़ाई और सुप्रीम कोर्ट का दखल
इस फैसले के खिलाफ 23 व्यक्तियों और एक गैर-लाभकारी संगठन ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे फेडरल कोर्ट ने फिलहाल रोक दिया था. लेकिन ट्रंप प्रशासन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए फेडरल कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया.
क्या होगा अब?
ट्रंप के निर्देश पर मानवीय पैरोल प्रोग्राम अब खत्म माना जा रहा है. इससे लाखों प्रवासियों को निर्वासन का सामना करना पड़ सकता है. यह फैसला अमेरिका में प्रवासी नीति पर बड़ा असर डाल सकता है और आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भी अहम मुद्दा बन सकता है.