न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र के दौरान भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने के लिए कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक में व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिज जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर नाराजगी जताते हुए भारतीय वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाए थे। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया था।
एस. जयशंकर ने इस बैठक को रचनात्मक बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा-
*“न्यूयॉर्क में मार्को रुबियो से मुलाकात अच्छी रही। हमने द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर संपर्क की अहमियत पर सहमति जताई।
वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी X पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा-
*“UNGA में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। हमने व्यापार, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिज जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, ताकि दोनों देशों के लिए समृद्धि बढ़ाई जा सके।
अमेरिकी विदेश विभाग के बयान में कहा गया कि भारत, अमेरिका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साझेदार है और दोनों देश रक्षा, व्यापार और तकनीकी क्षेत्रों में रिश्तों को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, यह भी साफ किया गया कि अमेरिका और भारत क्वाड जैसे मंचों के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र और खुला बनाए रखने के लिए मिलकर कार्य करेंगे।
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यह मुलाकात खास इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि हालिया व्यापारिक तनाव के बाद दोनों नेताओं की यह पहली आमने-सामने बातचीत थी। इससे पहले जुलाई 2025 में वॉशिंगटन में हुई क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी।
संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र 9 सितंबर 2025 से शुरू हुआ था और 23 सितंबर से उच्च स्तरीय आम चर्चा आरंभ हुई है। इसी अवसर पर यह भारत-अमेरिका वार्ता हुई, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने का संकेत दिया है।