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उमरिया,देशबन्धु. जनपद पंचायत करकेली , जो मध्यप्रदेश के उमरिया जिले का एक प्रमुख विकासखंड है, ने एक बार फिर साबित किया है कि यदि इच्छाशक्ति हो और नेतृत्व स्पष्ट हो, तो ग्रामीण विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY 2.0)के अंतर्गत आयोजित वाटरशेड महोत्सव 2025 इसी दिशा में एक ऐतिहासिक पहल रही। इस महोत्सव का आयोजन ग्राम खाले कठई में हुआ, और यह कार्यक्रम विधायक शिवनारायण सिंह कलेक्टर धरणेन्द्र जैन भाजपा ज़िला अध्यक्ष आशुतोष अग्रवाल की मौजूदगी बड़े उत्साह और समर्पण के साथ सम्पन्न हुआ।प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 का उद्देश्य “हर खेत को पानी” देना है, ताकि किसानों को वर्ष भर सिंचाई की सुविधा मिल सके और खेती की उत्पादकता में वृद्धि हो। इस योजना के अंतर्गत वाटरशेड डेवलपमेंट एक महत्वपूर्ण घटक है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण, भूजल स्तर को बढ़ाने और भूमि सुधार जैसे कार्यों पर केन्द्रित है। करकेली ब्लॉक की भौगोलिक स्थिति, विशेष रूप से आकाश कोट के कई गांव, लंबे समय से पानी की समस्या से जूझते रहे हैं। सिंचाई के साधनों की कमी, अनियमित वर्षा और खराब जल प्रबंधन ने खेती को संकट में डाल दिया था। इसी चुनौती को अवसर में बदलने के लिए वाटरशेड महोत्सव का आयोजन किया गया।
*आयोजन का प्रारंभ और प्रमुख अतिथियों का आगमन*
वाटरशेड महोत्सव का आयोजन बड़े उत्साह और ग्रामीण भागीदारी के साथ प्रारंभ हुआ। जिसमें किसान, पंचायत प्रतिनिधि, महिला स्व-सहायता समूह, युवा, छात्र-छात्राएं, और स्थानीय जन बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। मुख्य अतिथि के रूप में विधायक शिवनारायण सिंह भाजपा जिला अध्यक्ष आसुतोष अग्रवाल कलेक्टर उमरिया धरणेन्द्र जैन के साथ जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कई सरपंच, जनप्रतिनिध अधिकारी मौजूद रहे
*विधायक शिव नारायण सिंह का संबोधन*
अपने भाषण में विधायक शिव नारायण सिंह ने कहा “जल ही जीवन है, और अगर हमने अभी भी जल संरक्षण के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा, तो आने वाली पीढ़ियों को भारी संकट का सामना करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना गांव-गांव में हर खेत को पानी पहुँचाने का सपना साकार कर रही है। मैं इस महोत्सव के माध्यम से सभी किसानों, पंचायतों और युवाओं से आग्रह करता हूँ कि वे जल संरक्षण को जीवन का हिस्सा बनाएं।” उन्होंने बताया कि अब तक इस योजना के अंतर्गत क्षेत्र में अधिक जल संरचनाओं का निर्माण हो चुका है, जिनसे अधिक भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलने लगी है। आने वाले समय में इस कार्य को और भी विस्तार दिया जायेगा भाजपा ज़िला अध्यक्ष आसुतोष अग्रवाल ने बेहद सहज भाषा में कार्यक्रम की महत्ता समझाई। उन्होंने किसानों को बताया कि वाटरशेड कार्यक्रम का उद्देश्य केवल पानी सहेजना नहीं, बल्कि मिट्टी का संरक्षण, भूजल स्तर बढ़ाना, वनीकरण, पशुपालन और आजीविका सुधार से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा “हमारा प्रयास है कि ग्राम पंचायतें स्वयं इस दिशा में योजना बनाएं, ग्राम स्तर पर समिति बनाएँ और ग्रामवासियों की भागीदारी से जल प्रबंधन को सफल बनाएं। जलग्रहण क्षेत्र में हरियाली, मेडबंदी, तालाब गहरीकरण, नाला पुनर्निर्माण, चेक डैम निर्माण जैसे कार्यों से गाँव को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।” वाटरशेड संरचनाओं का निरीक्षण और किसानों की सहभागिता
कार्यक्रम के उपरांत अतिथियों ने खालेकठई में बनी जल संरचनाओं का निरीक्षण किया।वाटरशेड महोत्सव 2025 केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह ग्रामीण जल प्रबंधन, आजीविका सुधार और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सशक्त जनांदोलन की शुरुआत है। विधायक शिवनारायण सिंह और कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन की सक्रिय भागीदारी ने यह साबित किया कि यदि प्रशासन और जनप्रतिनिधि एक साथ मिलकर कार्य करें, तो किसी भी योजना को जमीनी स्तर तक सफलतापूर्वक पहुँचाया जा सकता है।
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