रामनगर, देशबन्धु। मध्य प्रदेश सरकार के निर्देश पर हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान चलाकर प्राचीन बावड़ी, तालाब, कुओं और नदियों की साफ-सफाई कर उन्हें रिचार्ज करने का अभियान चलाया गया।
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लेकिन मैहर जिले के नगर पंचायत रामनगर के वार्ड क्रमांक 14 में स्थित कुआ को देखें तो लगता है कि यह अभियान हवा हवाई रहा। अगर ऐसा नहीं है तो फिर जिम्मेदार यहां तक नहीं पहुंच पाए होंगे। वजह जो भी हो लेकिन हकीकत यह है कि सतना कैम्प राम जानकी लक्ष्मी नारायण मन्दिर के पास रामनगर वार्ड नम्बर 14 पर स्थित प्राचीन कुआ जिससे कभी रामनगर वासियों की प्यास बुझती थी, जिसके मीठे व कंचन जैसे जल से वासुदेव महाराज व मन्दिर पर प्रतिष्टित देवी देवताओं का जल अभिषेक किया जाता था, आज देख रेख व संरक्षण के अभाव में कचरे दानी में तब्दील होकर रह गया है। जो इस अभियान का आइना है।
शिकायत के बाद यह हाल
वार्डवासियों की बातों पर विश्वास किया जाए तो उनका कहना है कि इस संबंध में आवाज पहुंचाने का प्रयास किया लेकिन उक्त कुआ के संरक्षण के सम्बन्ध में कोई उचित कार्यवाही या प्रयास नहीं किये जा सके। जिसके चलते कई मीटर गहरा कुआ सार्वजनिक रूप से कचरेदान बन कर रह गया है। लोगों का कहना है कि जब कस्बे में प्राचीन कुआं, बावड़ी और तालाबों की तरफ जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है तो फिर ये कैसा अभियान चलाया जा रहा है।
मझगवां जनपद में आ चुका है मामला
यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले इस तरह का मामला सतना जिले के अंतर्गत आने वाली जनपद पंचायत मझगवां का प्रकाश में आ चुका है। यह बात उन कुओं की हो रही है जो प्रकाश में आ चुके हैं। इसके अलावा जिले में कई ऐसे कुआ हैं जो इस अभियान से अभी भी पूरी तरह से दूरी बनाए हुए हैं। जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत इनकी साफ-सफाई कर रिचार्ज कर दिया जाता तो लोगों को पेयजल संकट से काफी राहत मिलती, लेकिन दावे ज्यादा किए जा रहे हैं।