नई दिल्ली. यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर 3000 रुपये से अधिक के ट्रांजेक्शन पर चार्ज लगाए जाने की खबरों पर वित्त मंत्रालय ने अपना रुख साफ कर दिया है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई योजना सरकार के पास नहीं है और मीडिया में चल रही खबरें झूठी, निराधार और भ्रामक हैं.
क्या था दावा?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सरकार UPI लेनदेन पर Merchant Discount Rate (MDR) को फिर से लागू करने पर विचार कर रही है, विशेषकर उन लेनदेन पर जो 3000 रुपये से अधिक हैं. रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि 3000 रुपये से कम के ट्रांजेक्शन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा.
सरकार की प्रतिक्रिया
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से इन खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा:
“सरकार UPI के माध्यम से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. यूपीआई लेनदेन पर किसी भी प्रकार का MDR लगाने की कोई योजना नहीं है. इस तरह की अटकलें जनता में भ्रम और अनावश्यक चिंता फैलाती हैं.”
पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया का सुझाव
हालांकि पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने यह सुझाव दिया था कि बड़े मर्चेंट्स (जिनका टर्नओवर अधिक है) पर 0.3% MDR लगाया जा सकता है. इसी सुझाव के आधार पर मीडिया में अफवाहें फैलीं कि सरकार इस पर विचार कर रही है.
मौजूदा स्थिति
UPI पर वर्तमान में जीरो MDR पॉलिसी लागू है, जो जनवरी 2020 से प्रभावी है.
क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स पर MDR अभी भी 0.9% से 2% तक है.
RuPay क्रेडिट कार्ड पर भी फिलहाल कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है.