सतना/भोपाल,देशबन्धु. भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरा पर यदि कोई शहर मां अहिल्या बाई होलकर की करुणा, नीति एवं लोक कल्याण की प्रेरणा से ओतप्रोत है, तो वह है अपना इंदौर। यह वही पावन भूमि है, जहां मां अहिल्या ने धर्म, न्याय तथा सेवा का ऐसा स्वर्णिम अध्याय रचा, जो आज भी शासन, प्रशासन और समाज के लिए पथप्रदर्शक है।
31 मई 2025 को यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से मेट्रो ट्रेन की शुरुआत इंदौर की आत्मा को आधुनिकता के साथ जोड़ने की संकल्पना है। यह कितना सुंदर संयोग है कि इसी दिन रानी कमलापति की नगरी भोपाल के जंबूरी मैदान में ‘महिला सशक्तिकरण महासम्मेलनÓ का आयोजन भी हो रहा है, जिसे प्रधानमंत्री जी स्वयं संबोधित करेंगे।
वहीं इस ऐतिहासिक अवसर पर मां शारदा की पावन भूमि सतना तथा मां पीताम्बरा की धरा दतिया को हवाई अड्डे की सौगात मिलेगी। यह सभी कार्यक्रम एक ही धागे से बंधे हैं। यानी विकास और विश्वास, गति और गौरव, परिवहन और परिवर्तन।
इंदौर में टेम्पों से लेकर अब मेट्रो तक की विकास यात्रा अद्भुत
इंदौर की विकास यात्रा टेम्पो से लेकर आज मेट्रो ट्रेन तक आ पहुंची है। सब कुछ कितनी तेजी से गुजर गया और अपना इंदौर अब मेट्रो शहर बन गया। शहर में मेट्रो की शुरुआत एक सुगम परिवहन सुविधा के साथ संपूर्ण जीवनशैली का परिवर्तन है। यह परियोजना इंदौर की स्वच्छता, अनुशासन और नवाचार की पहचान को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
मेट्रो का प्रथम चरण यातायात की सुगमता, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक समृद्धि के नए द्वार खोलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में यह परियोजना मध्यप्रदेश को ‘स्मार्ट स्टेटÓ बनाने की दिशा में भी सशक्त कदम है।
जैसा कि कहा गया है शास्त्रेषु नगरस्य लक्ष्मणानि सप्त- स्वच्छता, जल व्यवस्था, परिवहन, नागरिक अनुशासन, पर्यावरण, सुरक्षा योजना एवं सांस्कृतिक चेतना। इंदौर मेट्रो इस सप्तम स्तंभ को और सशक्त करेगी।
इंदौरवासियों की आकांक्षाओं को पंख देगी। यह ‘न्यू अर्बन इंडियाÓ की जीवंत मिसाल है, जो स्वच्छता के सिरमौर इंदौर को वैश्विक नगरीय गौरव के शिखर पर स्थापित करेगी।
नारी शक्ति अर्धागिनी नहीं, समाज के उत्थान की अधिष्ठात्री
हमारी डबल इंजन की सरकार में महिला सशक्तिकरण केवल नीतियों का विषय नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना का पुर्नजागरण है। मां अहिल्या बाई होलकर इसकी प्रतीक हैं। उन्होंने राजसिंहासन पर बैठकर धर्म, न्याय तथा लोककल्याण की ऐसी मिसाल कायम की, जो आज भी प्रासंगिक है।
उनके द्वारा निर्मित सैकड़ों घाट, समाज के वंचित वर्गों के लिए अन्न क्षेत्र और खुले दरबार न केवल उनके शासन को ‘सुराज्यÓ बनाते थे, बल्कि यह भी दर्शातें कि नारी शक्ति अर्धांगिनी नहीं, समाज के उत्थान की अधिष्ठात्री है। मां अहिल्या का जीवन समाज, संस्कृति और राष्ट्र के लिए समर्पित रहा है।
उनका व्यक्तित्व और कृतित्व अनमोल निधि है। उनके कालजयी विचार हर युग में ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखायÓ का संदेश देते हैं। आज हमारी सरकार इसी ध्येय के साथ जनकल्याण के पथ पर अग्रसर है। प्रदेश में लागू लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना और स्व-सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण जैसे कार्यक्रम उसी परंपरा का आधुनिक स्वरूप हैं।
इसी क्रम में मध्यप्रदेश में शहरी क्षेत्र की बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए दीनदयाल जन आजीविका योजना संचालित की जा रही है। जैसा कि संस्कृत में कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता: जहां नारी का सम्मान होता है, वहां समृद्धि और शांति का वास होता है। यह हमारी नीति और दृष्टि का मूलमंत्र है।
संपूर्ण विश्व ने बहनों के सिंदूर की ताकत अभी हाल ही में देखी है। अब भोपाल में आयोजित होने जा रहा महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन भारत की मातृशक्ति को नमन और उनके सामर्थ्य को सशक्त करने का महायज्ञ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू की गई उज्ज्वला योजना, जनधन खाता, मातृत्व वंदना योजना और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे कार्यक्रमों ने करोड़ों बेटियों, बहनों के जीवन को नई दिशा दी है। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में महिलाओं को संपत्ति में अधिकार, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। यह मां अहिल्या के आदर्शों, न्याय, करुणा एवं शक्ति के संतुलन का साकार रूप है।
इंदौर में स्वच्छता, संस्कृति और सशक्तिकरण का संगम
मैंने राजनीति में जो सीखा, वह मां अहिल्या की भूमि से सीखा। एक सार्वजनिक सेवक के रूप में, जब विकास की बात आती है तो मेरे मन में केवल एक ही ध्येय होता है। हमारा देश, हमारा प्रदेश, हमारी संस्कृति और हमारा गौरव। मुझे संतोष है कि अपना इंदौर आज सबसे स्वच्छ शहर होने के साथ नारी शक्ति का प्रतीक है।
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इसी क्रम में हमने तय किया है कि इंदौर मेट्रो के पहले स्टेशन का नामकरण मां अहिल्या बाई के नाम पर किया जाएगा। अब 31 मई को इंदौर मेट्रो की पहली ट्रेन दौड़ेगी और भोपाल में लाखों बहनें प्रधानमंत्री के प्रेरक विचारों को सुनेंगी, तब यह केवल आयोजन नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के नवयुग का शंखनाद होगा।
यह मां अहिल्या के आदर्शों को आधुनिकता के साथ जोड़ने का संकल्प होगा। मैं इंदौर और मध्यप्रदेश की जनता को इस ऐतिहासिक अवसर की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। यह गर्व का क्षण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में हम मध्यप्रदेश की धरा को विकास और सम्मान के नए शिखर पर ले जा रहे हैं।
(लेखक मध्यप्रदेश सरकार में नगरीय विकास एवं आवास तथा संसदीय कार्य मंत्री हैं।)