नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत ने यूक्रेन युद्ध पर अपना रुख एक बार फिर स्पष्ट किया है. भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथनेनी हरीश ने जोर देकर कहा कि यूक्रेन में निर्दोषों की मौत बिल्कुल अस्वीकार्य है और युद्ध कभी भी किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता. भारत का मानना है कि इस संघर्ष को खत्म करने का एकमात्र रास्ता संवाद और कूटनीति ही है, भले ही यह कितना भी कठिन क्यों न हो.
भारत ने सभी पक्षों से शांति के प्रयासों में पूरी तरह से शामिल होने का आह्वान किया है. भारत ने हाल ही में हुए राजनयिक प्रयासों की सराहना की, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई शिखर बैठक शामिल है. इसके अलावा, भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी राष्ट्रपति और यूरोपीय नेताओं से की गई बातचीत को भी सकारात्मक बताया.
भारत की लगातार कूटनीतिक पहल
भारत ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन, यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेताओं के साथ लगातार संपर्क में हैं. भारत को उम्मीद है कि ये प्रयास यूक्रेन में स्थायी शांति के लिए रास्ते खोलेंगे.
ग्लोबल साउथ पर प्रभाव
भारत ने यूक्रेन संघर्ष के कारण ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़े गंभीर प्रभावों को भी उजागर किया. ईंधन की बढ़ती कीमतों जैसी समस्याओं से इन देशों को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है. भारत ने जोर दिया कि इन देशों की चिंताओं को गंभीरता से सुना जाना चाहिए.
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भारत की मानव-केंद्रित नीति
इस संघर्ष के दौरान, भारत ने अपनी मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी है. भारत ने यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजी है और ज़रूरतमंद देशों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की है. भारत ने फिर से दोहराया है कि इस संघर्ष का जल्द से जल्द अंत होना हम सभी के हित में है.