नई दिल्ली. फिलीपींस में इन दिनों कुदरत कहर बनकर टूट पड़ी है. एक बार फिर से फिलीपींस में धरती कांपी है. 7 अक्टूबर को 10 बजकर 25 मिनट पर 4.9 की तीव्रता से भूकंप के झटके महसूस हुए.
इस झटके में जानमाल की कितनी क्षति हुई, इसे लेकर अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. भूकंप की गहराई 80 किलोमीटर मापी गई.
फिलीपींस में इससे पहले भूकंप के साथ-साथ ज्वालामुखी विस्फोट की घटना भी सामने आई. 30 सितंबर को भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी. भूकंप की इस घटना में करीब 72 लोगों की मौत हुई थी, जबकि घायलों का शुरुआती आंकड़ा 300 बताया गया था.
हफ्तेभर पहले आए इस भूकंप से 170,000 से अधिक निवासी प्रभावित हुए. फिलीपींस प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ फायर’ क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधि के लिए एक्टिव माना जाता है.
इससे पहले जो भूकंप के झटके दर्ज किए गए थे, उसे लेकर फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने कहा कि मंगलवार रात से 600 से ज्यादा झटके दर्ज किए गए. यही कारण है कि फिलीपींस में आए भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फिलीपींस में आए भूकंप पर दुख जताते हुए कहा था कि फिलीपींस में आए भूकंप से हुई जान-माल की हानि और व्यापक क्षति के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ. मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. इस कठिन समय में भारत फिलीपींस के साथ एकजुटता से खड़ा है.
ओसीडी के उप-प्रशासक और सहायक सचिव बर्नार्डो राफेलिटो एलेजांद्रो ने ब्रीफिंग में बताया कि भूकंप का केंद्र बोगो शहर से लगभग 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, 5 किलोमीटर की गहराई में था. बोगो शहर में 30 लोगों की मौत हुईं. इसी तरह मेडेलिन शहर में 10, सैन रेमिगियो शहर में 22, तबोगोन शहर में पांच और सोगोड और तबुएलन नगर पालिकाओं में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.