लखनऊ,देशबन्धु.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि यदि कोई अधिकारी उद्यमियों से गलत डिमांड करता है, तो उस पर अपराधियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऐसी कार्रवाई करेगी कि भ्रष्टाचार करने वाला अधिकारी और उसकी सात पुश्तें याद रखेंगी।
मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से अपील की कि यदि उन्हें उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने में कोई असुविधा होती है, तो वे सीधे मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति सामान्य रूप से काम कर रही है और उद्योगों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम ही काम करेगा।
इस कार्रवाई के पीछे का कारण यह है कि हाल ही में इन्वेस्टर सम्मिट के सीईओ अभिषेक प्रकाश पर एक सोलर कंपनी के मालिक ने 5% कमीशन लेने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री ने इसकी जांच करवाई और अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया । इसके अलावा, मध्यस्थ को भी मुकद्दमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया गया।
मुख्यमंत्री की इस कार्रवाई को लेकर लोगों में अलग-अलग चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह कार्रवाई महाकुंभ में हुई अधिकारियों की लापरवाही से हुई श्रद्धालुओं की मृत्यु में हो रही आलोचना के कारण की गई है। जबकि अन्य लोगों का मानना है कि यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश में बेलगाम हो रहे अधिकारियों पर शिकंजा करने के लिए की गई है।