नई दिल्ली. यूट्यूब ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है जिसमें उन्होंने कहा है कि अब कुछ विशेष वीडियो पर विज्ञापन नहीं दिखाए जाएंगे. इस कदम का मुख्य उद्देश्य क्रिएटर्स को अधिक रचनात्मक स्वतंत्रता और बेहतर राजस्व प्रदान करना है. यूट्यूब अपनी ऐड्स पॉलिसी को बदलने जा रहा है. सम्भवतः बदलाव 12 मई से किया जाना है. जिसके बाद यूट्यूब पर वीडियो स्ट्रीमिंग का एक्सपीरियंस पहले से अच्छा हो जाएगा.
वीडियो में डायलॉग या सीन के बीच में ऐड्स नहीं आएंगे. यूट्यूब के मुताबिक, जल्द ही यूजर्स को ऐड्स की परेशानी कम लगेगी. मई से नैचुरल ब्रेकप्वाइंट पर ही ऐड्स नजर आएंगे. इसे आप ऐसे समझें- जैसे अभी तक आप कोई भी वीडियो देखते थे तो बीच में कभी भी और कहीं भी ऐड्स आने लगती हैं. लेकिन कंपनी इसे बदल रही है.
यूट्यूब अब किसी सीन या डायलॉग के बीच ऐड्स नहीं दिखाएगा. इन ऐड्स को किसी सीन के ट्रांजिशन या पॉज पर प्लेस कर दिया जाएगा. यूट्यूब ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि वीडियो के दौरान आने वाली ऐड्स से यूजर्स का मजा खराब होता था. जिसकी वजह से यूट्यूब पर वीडियो स्ट्रीमिंग एक्सपीरियंस खराब हो रहा था. कंपनी की पोस्ट के मुताबिक, इस बदलाव से वीडियो पर व्यूज ज्यादा आएंगे. जिसकी वजह से क्रिएटर्स की कमाई बढ़ जाएगी.
यूट्यूब का बदला हुआ फीचर मई से पुराने वीडियोज पर शुरू किया जाएगा. कंपनी पुराने वीडियो पर भी मिड-रोल ऐड्स को एडजस्ट करने वाली है. ऐसे में जो क्रिएटर्स ऐड्स की प्लेसमेंट पर अपना कंट्रोल चाहते हैं वो यूट्यूब स्टूडियो में जाकर कर सेटिंग कर सकते हैं. उन्हें 12 मई से पहले इसे ऑप्ट-आउट करना होगा.
इसी के साथ यूट्यूब इस बदलाव से क्रिएटर्स की मदद भी करने वाला है. कंपनी मिड-रोल एड के लिए मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों तरीकें मिक्स करने की प्लानिंग कर रहा है. क्रिएटर्स नए तरीके का इस्तेमाल करेंगे तो उन्हें मैनुअल प्लेसमेंट पर डिपेंड नहीं रहना होगा. इसके अलावा वो मैनुअल प्लेसमेंट वाले क्रिएटर्स की तुलना में 5 प्रतिशत ज्यादा कमाई कर सकेंगे. यही नहीं यूट्यूब क्रिएटर्स के लिए एक टूल भी लाएगा. इस टूल से क्रिएटर्स को पता चल सकेगा कि ऐड्स प्लेसमेंट से व्यूइंग एक्सपीरियंस कैसा चल रहा है.