भोपाल, 22 नवंबर (आईएएनएस). मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नरवाई (पराली) जलाने पर रोक लगा दी गई है. अब नरवाई जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी यह आदेश दो माह तक प्रभावशील रहेगा.
भोपाल के कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने गुरुवार की रात को नरवाई जलाने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया. इस आदेश में कहा गया है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का पालन किया जाएगा. इस आदेश के जरिए भोपाल की भौगोलिक सीमा के खेत में डंठल, नरवाई में आग लगाना पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है और इसका उल्लंघन करने वालों पर पर्यावरण विभाग भोपाल और ग्रीन ट्रिब्यूनल के प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
ज्ञात हो कि फसल कटाई के बाद किसान अगली फसल के लिए खेत तैयार करने के उद्देश्य से आग लगाकर डंठलों को नष्ट कर देते हैं. इससे व्यापक अग्नि दुर्घटनाएं होने के साथ जनहानि की आशंका बनी रहती है. ऐसा करने से एक तरफ जहां प्रदूषण फैलता है तो वही प्राकृतिक वनस्पति जीव जंतु आदि नष्ट हो जाते हैं. इससे खेतों की उर्वरक क्षमता पर भी असर पड़ता है. इतना ही नहीं साल दर साल उत्पादन भी प्रभावित होता है.
जिला कलेक्टर द्वारा नरवाई के जलाने पर लगाई गई रोक की सूचना ग्रामीण इलाकों में मुनादी के द्वारा भी दी जाएगी. साथ ही सरकारी प्रमुख कार्यालयों से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर भी नरवाई जलाने पर रोक लगाए जाने संबंधी आदेश की प्रति भी चस्पा की जाएगी. जिलाधिकारी के आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत यह आदेश तात्कालिक रूप से पारित करने की आवश्यकता है. वर्तमान में प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह आदेश को तामील कर सूचित करना संभव नहीं है.
वहीं दूसरी ओर जबलपुर में नरवाई जलाने वाले किसानों के खिलाफ पुलिस थानों में मामले दर्ज कराने के निर्देश जारी किए गए हैं.
–आईएएनएस
एसएनपी/एएस
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