मध्यप्रदेश में कफ सिरप से फैले ज़हर का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। छिंदवाड़ा, बैतूल, नागपुर और पांढुर्णा में अब तक 23 बच्चों की मौत हो चुकी है। तमिलनाडु डायरेक्टर ऑफ ड्रग्स कंट्रोल की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है ,कोल्ड्रिफ (Coldrif) सिरप नॉन-फार्मास्यूटिकल ग्रेड केमिकल से बनाया गया था, जो दवा बनाने के लिए उपयुक्त नहीं था। जांच के दौरान श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के मालिक ने स्वीकार किया कि उसने दो बार में 50-50 किलो प्रोपलीन ग्लायकॉल के बैग खरीदे , यानी कुल 100 किलो जहरीला केमिकल इस्तेमाल किया गया। जांच में इसके न तो बिल मिले और न ही खरीद का कोई रिकॉर्ड। भुगतान भी कैश और जी-पे से किया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, सिरप में मौजूद डाईएथिलीन ग्लायकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लायकॉल (EG) की मात्रा निर्धारित सीमा से 486 गुना अधिक थी। एक विशेषज्ञ ने बताया कि इतनी मात्रा बच्चे ही नहीं, बल्कि हाथी जैसे बड़े जानवर की भी किडनी और ब्रेन को नष्ट कर सकती है। मार्च 2025 में खरीदा गया था केमिकल, कंपनी ने चेन्नई की सनराइज बायोटेक से 25 मार्च को प्रोपलीन ग्लायकॉल खरीदा था, जो घटिया क्वालिटी का था।
इसके बावजूद न तो इसकी शुद्धता की जांच की गई और न ही जहरीले तत्वों की जांच कराई गई। तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल विभाग की टीम ने पाया कि कंपनी ने दस्तावेज छिपाने और केमिकल के स्टॉक को नष्ट करने की कोशिश की। जांच टीम को यह भी पता चला कि इस घटिया केमिकल से कई अन्य दवाएं भी तैयार की गई थीं।
589 बॉटलें छिंदवाड़ा भेजने की तैयारी में थीं जांच दल को श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स में कोल्ड्रिफ सिरप (बैच नंबर SR-13) की 589 बॉटल मिलीं, जिन्हें छिंदवाड़ा भेजा जाना था। इसी बैच की सिरप पीने से बच्चों की किडनी फेल और ब्रेन में सूजन हुई, जिससे उनकी मौत हुई। लैब में जब्त सिरप की जांच में जहरीले तत्वों की पुष्टि हुई , जबकि कंपनी के अन्य चार उत्पाद (रेस्पोलाइट डी, जीएल, एसटी और हेपसंडिन सिरप) स्टैंडर्ड क्वालिटी के पाए गए।
सरकार ने इलाज की जिम्मेदारी ली राज्य सरकार ने बताया कि कोल्ड्रिफ सिरप से बीमार छिंदवाड़ा के सात और बैतूल के दो बच्चे नागपुर के अस्पतालों में भर्ती हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि सभी बच्चों का इलाज सरकार कराएगी। नागपुर के अस्पतालों में डॉक्टरों और कार्यपालक दंडाधिकारियों की संयुक्त टीम तैनात की गई है।
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डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने किया अस्पतालों का दौरा, मंगलवार देर रात डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल नागपुर पहुंचे। उन्होंने अस्पतालों में भर्ती बच्चों से मुलाकात की और उनके उपचार की समीक्षा की। नागपुर से लौटने के बाद वे छिंदवाड़ा में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जा सकें।