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री-रिलीज 'शोले' को देख बोले दर्शक, 'हर फ्रेम में महसूस हुई धर्मेंद्र की कमी'

मुंबई, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। बॉलीवुड की आइकॉनिक फिल्म 'शोले' को 50 साल पूरे हो गए हैं। इस फिल्म को थिएटर्स पर री-रिलीज किया गया। फिल्म को देखने के लिए थिएटरों पर दर्शकों की भीड़ देखने को मिली। स्क्रीन पर गब्बर का भौकाल, जय और वीरू की मस्ती और बसंती की चंचलता को देखकर दर्शक फिर से मुस्कुरा उठे। तकनीकी रूप से नए अंदाज में लौटी इस फिल्म ने दर्शकों को एक बार फिर 1975 की यादों में पहुंचा दिया।

मुंबई, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। बॉलीवुड की आइकॉनिक फिल्म 'शोले' को 50 साल पूरे हो गए हैं। इस फिल्म को थिएटर्स पर री-रिलीज किया गया। फिल्म को देखने के लिए थिएटरों पर दर्शकों की भीड़ देखने को मिली। स्क्रीन पर गब्बर का भौकाल, जय और वीरू की मस्ती और बसंती की चंचलता को देखकर दर्शक फिर से मुस्कुरा उठे। तकनीकी रूप से नए अंदाज में लौटी इस फिल्म ने दर्शकों को एक बार फिर 1975 की यादों में पहुंचा दिया।

री-रिलीज के पहले ही दिन थिएटरों में पहुंचे कई दर्शकों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए।

एक दर्शक ने कहा, "'शोले' मेरे लिए सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि यादों का वह पैकेज है जिसे मैं बचपन से संजोकर चल रहा हूं। मुझे याद है कि मैंने यह फिल्म एक बड़े पंडाल में देखी थी। टीवी और मोबाइल वाले दौर से बहुत पहले लोग फिल्म देखने के लिए घंटों इंतजार करते थे। फिल्म के कलाकारों की बात करें तो उनकी एक्टिंग में एक अलग ही सच्चाई थी। इनमें से किसी ने कोई बड़ी ट्रेनिंग नहीं ली थी। ये लोग अपने समय के दिग्गज कलाकारों को देखकर एक्टिंग सीखते थे। यही वजह है कि फिल्म आज भी उतनी ही वास्तविक लगती है। काश, आज जब यह फिल्म फिर से बड़े पर्दे पर लौटी है, धर्मेंद्र साहब हमारे बीच होते। उनकी कमी हर फ्रेम में महसूस होती है।"

दूसरे दर्शक ने कहा, '''शोले' एक कल्ट क्लासिक है और ऐसी फिल्में बार-बार नहीं बनतीं। भले ही धर्मेंद्र आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उन्हें स्क्रीन पर देख ऐसा लगा जैसे वह फिर से हमारे बीच आ गए हों। सोशल मीडिया और ओटीटी पर यह फिल्म उपलब्ध है, लेकिन थिएटर की स्क्रीन पर इसे देखने का मजा ही कुछ और है। मैं अमिताभ बच्चन का बहुत बड़ा फैन हूं और इस फिल्म में उनकी एनर्जी मुझे काफी पसंद है। यह फिल्म दोस्ती का सबसे बड़ा उदाहरण है। जय और वीरू की जोड़ी लोगों के लिए प्रेरणा है।'

एक अन्य दर्शक ने आजकल के फिल्मों के दौर की तुलना 'शोले' से की और कहा, "आज की फिल्मों में वह बात नहीं दिखती जो पुरानी फिल्मों में हुआ करती थी। आज मैंने दो फिल्में देखीं, पहली 'किस किस को प्यार करूं 2' और दूसरी 'शोले'। पहली फिल्म देखकर मूड खराब हो गया था, लेकिन जैसे ही 'शोले' देखी, मानो पूरा दिन ही बन गया हो। यह फिल्म इतनी शानदार है कि जितनी तारीफ करो, उतनी कम है। अच्छे कलाकार, बेहतरीन कहानी, दमदार डायलॉग, सब मिलकर इसका जादू आज भी कायम हैं।"

फिल्म को 4के क्वालिटी में री-रिलीज किया गया। फिल्म में धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, संजीव कुमार, जया बच्चन और अमजद खान मुख्य किरदारों में नजर आए थे।

--आईएएनएस

पीके/डीएससी

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