Office Address

Address Display Here

Phone Number

+91-9876543210

Email Address

info@deshbandhu.co.in

मल्लिकार्जुन खड़गे ने एससी सलाहकार परिषद की पहली बैठक की, दलित आवाज को दबाने का आरोप

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की एससी सलाहकार परिषद की पहली बैठक हुई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए और बैठक को संबोधित भी किया। इस दौरान उन्होंने भेदभाव को मिटाने की कड़ी प्रतिज्ञा भी लोगों को दिलाई।

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की एससी सलाहकार परिषद की पहली बैठक हुई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए और बैठक को संबोधित भी किया। इस दौरान उन्होंने भेदभाव को मिटाने की कड़ी प्रतिज्ञा भी लोगों को दिलाई।

कांग्रेस अध्यक्ष ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने आजादी के पहले से ही समाज में फैले भेदभाव को मिटाने की कड़ी प्रतिज्ञा ली। पार्टी का कहना है कि समाज में समानता लाने का जिम्मा राज्य का है और उस उद्देश्य से दो बड़े कानून बनाए गए थे।

उन्होंने नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 का जिक्र किया और कहा कि इससे अस्पृश्यता और उसके सभी रूपों को दंडनीय अपराध बनाया गया। इसके साथ ही उन्होंने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 का जिक्र करते हुए कहा कि राजीव गांधी की सरकार ने इसे बनाया। इस कानून ने पहली बार कहा कि दलितों पर अत्याचार सिर्फ अपराध नहीं है, यह सामाजिक न्याय पर हमला है।

उन्होंने कहा कि बाद में कांग्रेस सरकारों ने इसे और मजबूत किया, जैसे आरोपियों के लिए अग्रिम जमानत पर रोक लगाने के साथ ही पीड़ितों के लिए तेज जांच, अधिक मुआवजा, और स्पेशल कोर्ट की व्यवस्था की गई।

खड़गे ने शिक्षा को दलित सशक्तिकरण का सबसे बड़ा हथियार बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने माना कि शिक्षा ही सामाजिक बराबरी का मार्ग है, इसलिए हमने पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति, एससी लड़के-लड़कियों के लिए हॉस्टल, और टॉप क्लास शिक्षा योजना शुरू की। इसके साथ ही आईआईटी-आईआईएम और मेडिकल कॉलेजों में एससी के लिए आरक्षण, सर्व शिक्षा अभियान, मिड-डे मील, और आरटीई जैसे कार्यक्रम, जिनसे दलित बच्चों की स्कूल में उपस्थिति तेजी से बढ़ी।

उन्होंने आगे कहा कि आज देश में लाखों एससी डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, अधिकारी और उद्यमी हैं और इनकी यात्रा की शुरुआत इन्हीं नीतियों से हुई।

उन्होंने यह भी कहा कि दलितों की आवाज उठाने वालों पर हमला हुआ है। रोहित वेमुला का मुद्दा हो, भीमा-कोरेगांव के बाद की कार्रवाई हो, या फिर विश्वविद्यालयों में दलित छात्रों के साथ होने वाला भेदभाव, सरकार ने हर जगह दलित आवाज को दबाने की कोशिश की है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो अधिकार संविधान ने दिए, उन्हें छीना जा रहा है। डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा था, “किसी समाज की उन्नति का पैमाना यह है कि उसका सबसे कमजोर व्यक्ति कितना सुरक्षित है।”

उन्होंने कहा कि आज हालात उलट दिए गए हैं। आरक्षण को कमजोर करने वाली नीतियां चल रही हैं, निजीकरण के जरिए दलित नौकरियों में कटौती, विश्वविद्यालयों में एससी/एसटी फैकल्टी भर्ती में गिरावट, ये साबित करते हैं कि सरकार उस संविधान को कमजोर कर रही है जिसकी नींव में सामाजिक न्याय है।

उन्होंने कहा कि मनुवादी मानसिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह वही सरकार है जो कभी-कभी अपने दस्तावेजों, भाषणों और नीतियों में ऐसी सोच को बढ़ावा देती है जो समानता नहीं, भेदभाव को न्यायसंगत ठहराती है। हम यह नहीं होने देंगे। हम बाबा साहेब के संविधान को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने देंगे!

--आईएएनएस

एएमटी/डीकेपी

Share:

Leave A Reviews

Related News